पुलिस के पहुंचने से पहले ही आरोपी नीरज जैन हो गया फरार
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले की जांच कर रही कोतवाली पुलिस की टीम ने शुक्रवार रात नीरज जैन के जगदलपुर स्थित अलग-अलग ठिकानों में छापेमारी की। पुलिस के पहुंचने के पहले ही आरोपी फरार हो गया था। पुलिस ने उसके घर पर एक नोटिस चस्पा की है। उसे पूछताछ के लिए 18 जुलाई को कोतवाली थाना में बुलाया गया है। आरोपी ने 12 कंपनियां खोली थी। इन्हीं कंपनियों में बैंक का पैसा जमा हुआ है। इसलिए पुलिस नीरज की तलाश कर रही है। नीरज कोर्ट से जमानत पर जेल से बाहर है। पुलिस ने बताया कि इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक से 24 करोड़ फर्जी कंपनियों के नाम से निकाला गया है। ऐसी 16 कंपनियां जांच के दायरे में है। उसमें से 12 कंपनियां जगदलपुर की है। इन 12 कंपनियों को सीए के बेटे नीरज जैन ने फर्जी दस्तावेज के आधा पर खोला था। इन्हीं कंपनियों में बैंक का पैसा जमा हुआ है। उसके बाद कंपनियां बंद हो गई। पुलिस को शक है कि बैंक के पैसों का घोटाला करने के लिए इन कंपनियों को खोला गया था। पैसा लेने के बाद कंपनियां बंद कर दी गईं। हालांकि 2006 में भी जांच के दौरान नीरज को गिरफ्तार किया था। वह कुछ दिन जेल में बंद रहा। वह अभी जमानत पर है। बैंक घोटाला में कोतवाली थाना में जालसाजी का दो केस दर्ज है। इसमें बैंक संचालक मंडल, स्टाफ समेत 17 लोगों को आरोपी बनाया है। पुलिस अब इस केस को नार्को टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर फिर से जांच कर रही है। चर्चा है कि इस मामले में पुलिस नयी एफआईआर दर्ज कर सकती है। कुछ लोगों को इसमें आरोपी बनाया जा सकता है। जिनका नाम पुरानी दो एफआईआर में नहीं है। पुलिस बैंक से जब्त एक-एक दस्तावेज की बारीकी से जांच कर रही है।
कोल स्कैम: खनिज अफसर को नहीं मिली जमानत
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार सूर्यकांत तिवारी, खनिज विभाग के अफसर एसएस नाग तथा संदीप नायक की कोर्ट ने शुक्रवार को जमानत याचिका खारिज कर दी। एक अन्य मामले में कोर्ट ने पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व जीएम अशोक चतुर्वेदी की जमानत याचिका खारिज कर दी है।उल्लेखनीय है कि आय से अधिक संपत्ति मामले में ईओडब्लू ने लंबे समय से फरार अशोक चतुर्वेदी को आंध्रप्रदेश के गुंटूर से गिरफ्तार किया है। अपनी गिरफ्तारी के बाद अशोक चतुर्वेदी ने कोर्ट में जमानत आवेदन दाखिल किया।
जमानत आवेदन का विरोध करते हुए ईओडब्लू की ओर से अपर महाधिवक्ता अमृतोदास और अपर संचालक मिथिलेश वर्मा ने कोर्ट को बताया की अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ पद का दुरुपयोग, आय से अधिक संपत्ति तथा भ्रष्टाचार का मामला दर्ज है। जमानत का लाभ दिए जाने पर वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं।इस पर बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट को बताया कि अशोक चतुर्वेदी से जुड़े आधा दर्जन जगहों पर ईओडब्लू ने छापे की कार्रवाई की है। छापे की कार्रवाई में अब तक क्या मिला, इस बात को लेकर ईओडब्लू ने कोई खुलासा नहीं किया है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने चतुर्वेदी की जमानत याचिका खारिज कर दी।
540 करोड़ रुपये के खनिज परिवहन घोटाला तथा मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी बनाए गए सूर्यकांत तिवारी, खनिज अधिकारी एसएस नाग तथा संदीप नायक का ईडी की विशेष अदालत ने जमानत आवेदन खारिज कर दी है। कर्नाटक पुलिस द्वारा दर्ज अपराध से गंभीर धारा हटाए जाने के बाद सूर्यकांत द्वारा स्थानीय कोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई। इसके साथ ही खनिज अधिकारियों ने जमानत आवेदन पेश किया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।