रायपुर। 26 मई को ञिगुणि वैशाख पुर्णिमा बुध्द जयंती के पावन पर्व के अवसर पर बुध्द विहार कोटा में भारतीय बौद्ध महासभा एवं त्रिरत्न बुध्द विहार समिति कोटा के सयुंक्त तत्वावधान में गरिमामय ञिगुणि वैशाख पूर्णिमा बुध्द जयंती मनाई गई। सर्वप्रथम बुध्द शरणम गच्छामि, धम्ममशरण गच्छामि, संघम् शरणम् गच्छामि उदघोष कर बौद्ध संघ कोटा एवं विभिन्न वार्डों के गणमान्य नागरिकोनें भव्य रथ पर बुध्द की प्रतिमा सहित बुध्द के संदेश देते हुए कैण्डल रैली निकाली जो कोटा बुध्द विहार से होकर डाॅ बाबा साहेब आम्बेडकर चौक सरस्वती नगर से वार्ड का भ्रमण कर बुध्द विहार पहुँचीं। इसके पश्चात भारतीय बौध्द महासभा के जिला अध्यक्ष प्रकाश रामटेके जी एवं कोटा बुद्ध विहार समिति के अध्यक्ष अरूण कुमार वंजारी ने बाबा साहेब आम्बेडकर जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया, नागपुर महाराष्ट्र से पुज्य भंते महानमा ने बुध्द वंदना कर तथागत गौतम बुद्ध को वंदन किया गया सभी उपस्थिति उपासकों ने त्रिशरण पंचशील लिया। कार्यक्रम के अतिथि एस, आर, साहु जी ने विपश्यना एवं आना पानी सति के महत्व को बताया मानव अपने मन एवं तन को स्वस्थ रखने के लिए आचार, आहार, ध्यान के महत्व को बताया । भंते महानमा ने अपने धम्मदेशना में बौध्द धम्म के उदभव, प्राचीन शासकों ने बौद्ध धम्म क्यों चुना एवं बाबा साहेब आम्बेडकर जी बौद्ध धम्म ही क्यों स्विकार किया विस्तार से बताया। कार्यक्रम के अंत में भारतीय बौद्ध महासभा के द्वारा अपने श्रेष्ठ कार्यकर्ताओं को मोमेंटो और भगवान बुध्द के अनमोल उपदेशों का सार "धम्मपदं" पुस्तक, एवं परिञानपाठ की पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया गया।
डां,एम,एल,परिहार संपादक बुध्दम पब्लिशर जयपुर राजस्थान के द्वारा अपने पिताश्री आशुराम जी मेघवाल और माता श्रीमती नेनु देवी की स्मृति में पुरे भारत में 84000 हजार पुस्तक का वितरण किया जाना है, जो बुध्द जयंती के उपलक्ष्य में रायपुर के सभी बुध्द विहारों में निशुल्क धम्मपदं पुस्तक का वितरण किया गया है, और आयु, मदनलाल मेश्राम जी के द्वारा निशुल्क परिञानपाठ की पुस्तक का वितरण किया गया है। *कार्यक्रम का संचालन भारतीय बौध्द महासभा के महासचिव विजय गजघाटे जी ने किया आभार प्रगट आयु अरूण वंजारी ने किया इस अवसर पर संस्कार प्रमुख सी,डी, खोबरागड़े, प्रदेश महासचिव भोजराज गौरखेडे़, जिला अध्यक्ष प्रकाश रामटेके, महासचिव विजय गजघाटे, ञिरत्न बुद्ध विहार समिति कोटा के अध्यक्ष अरुण कुमार वंजारी, कमलेश रामटेके, ज्ञानेश्वर बावनगड़े, नरेन्द्र बोरकर, बेनीराम गायकवाड़, सुनिल वान्द्रे संतकुमार रामटेके, मदनलाल मेश्राम, मकरन्द घोड़ेसवार, राहुल रामटेके, सुरेन्द्र गोंडाने, दिलीप टेंभुरने, विजय चौहान, खुशाल टेंभुर्णे, रतन डोंगरे, मनोहर घोड़ेसवार, अनिल वैद्य, रवी बोरकर, नंदलाल गौरखेडे़, दिलीप रगासे, हितेश गायकवाड़, महेश बोरकर,दिलीप मेश्राम, भावेश परमार, राजकुमार रामटेके, अनिल बोरकर, अविनाश थुल, माया ताई पाटिल, सुरेखा गायकवाड़, अल्का बोरकर, वैशाली मेश्राम, सुनंदा बघेल, संध्या बडोले, येमु मेश्राम, दीक्षा डोंगरे, वैशाली गंवई, बालकृष्ण गजभिये, केशव सिंगनापुरे,जागेश गड़पायले, अनीता वंजारी, उर्मिला भिमटे, शिला मेश्राम, संगम शेन्डे, सरोज घोड़ीचोर, सिंधु रगासे एवं समाज के प्रबुद्ध जन उपस्थित थे.