मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में दो को तय होगी धान खरीदी की तारीख

Update: 2020-10-31 06:23 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की तारीख को लेकर संशय है। दो नवंबर को मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक प्रस्तावित है। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे की अध्यक्षता वाली यह समिति बारदानों की व्यवस्था से लेकर धान खरीदी की तारीख तय करेगी। इस बीच अफसरों ने कहा कि एक दिसंबर से पहले धान की खरीदी शुरू होने की संभावना कम ही है। धान खरीदी को लेकर पूछे गए सवाल पर कृषि मंत्री चौबे ने कहा कि किसानों का धान हम पूरा खरीदेंगे और 2500 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य भी देंगे। केंद्र सरकार अंतरर्विरोध की स्थिति पैदा कर हमारी धान खरीदी प्रभावित करना चाह रही है। बोनस देने से रोक रही है, इसलिए हमें अपनी योजना को विस्तारित करना पड़ रहा है। जुट बारदाने को केंद्र सरकार ने अनिवार्य कर दिया है, लेकिन बारदाना उपलब्ध नहीं करा रही है। 14 लाख गठान बारदाने की जरुरत है लेकिन इसको लेकर केंद्र सरकार का सकारात्मक रुख नहीं है। केंद्र बारदाना उपलब्ध कराएगी तभी हम खरीदी कर पाएंगे। समय पर बारदाने की व्यवस्था नहीं हुई तो धान खरीद में देरी भी होगी और किसान को परेशानी भी होगी।

दो नवंबर को मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में हम इन सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे। धान खरीदी की तारीख भी इसी बैठक में तय की जाएगी। प्रदेश सरकार ने इस वर्ष 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य तय किया है। तीन महीने पहले हुई मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में यह लक्ष्य तय किया गया है। साथ ही खरीदी का मापदंड 15 क्विंटल प्रति एकड़ ही रखने का फैसला हुआ है। इस बीच केंद्र सरकार ने राज्य से लिए जाने वाले चावल का कोटा 60 लाख मीट्रिक टन कर दिया है। इसे देखते हुए विपक्ष किसानों से 20 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदी की मांग कर रहा है। पिछले खरीफ सीजन में भी राज्य में धान की खरीदी एक दिसंबर से शुरू हुई थी।

10 नवंबर तक बढ़ी किसानों के पंजीयन की तारीख

इस बीच सरकारी मंडियों में समर्थन मूल्य पर धान और मक्का बेचने वाले किसानों के लिए पंजीयन की तारीख बढ़ाकर 10 नवंबर कर दी गई है। पहले यह तारीख 31 अक्टूबर थी। हालांकि पिछले सीजन में पंजीयन करा चुके किसानों को इस बार पंजीयन कराने की जरुरत नहीं है।

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