छत्तीसगढ़ में अब तक ई-कोर्ट के जरिए 5.29 लाख से ज्यादा राजस्व मामलों का हुआ निराकरण
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राजस्व प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिए ई-कोर्ट प्रणाली लागू की गई है। ई-कोर्ट से प्रदेश में अब तक 5 लाख 29 हजार 131 मामलों का निराकरण किया जा चुका है। ई-कोर्ट प्रणाली में जन सामान्य के राजस्व संबंधी मामले राजस्व न्यायालयों में प्राप्त होने वाले सभी आवेदनों को ऑनलाईन दर्ज कर आवेदक को पावती प्रदान की जा रही है। ई-कोर्ट में दर्ज मामले की अद्यतन जानकारी पक्षकारों को उनके प्रकरणों के संबंध की जा रही कार्यवाही की जानकारी अब ऑनलाईन दी जा रही है। प्रदेश के सभी जिलों में कलेक्टर से लेकर नायब तहसीलदार तक के सभी न्यायालय पंजीबद्ध है।
राजस्व न्यायालयों में दर्ज प्रकरणों में भू-अर्जन, भू-राजस्व और शास्ति की वसूली, भू-राजस्व निर्धारण, कृषि प्रयोजन के लिए भूमि बंटन, भूमि-स्वामी हक, नजूल भूमि का स्थाई पट्टा तथा नजूल भूमि के अन्य मामले, खातों का बटवारा, नामांतरण, बंदोबस्त, अभिलेखों में सुधार, नगरीय क्षेत्रों में राजस्व-भू मापन और बन्दोबस्त संबंधी मामलों का निराकरण ई-कोर्ट के मध्यम से किया जाता है। इसी तरह से विवादग्रस्त मामलों की पंजी में आपत्तियों का निराकरण, आबादी स्थलों का निपटारा, भूमि सुधार ऋण अधिनियम के अधीन ऋण, कॉलोनी निर्माण, कराने वालों की रजिस्ट्री, बकाया राजस्व वसूली, जन सामान्य के भू-राजस्व संहिता के अधीन मामले सहित अन्य विविध राजस्व मामलों का निराकरण ई-कोर्ट के जरिये किया जाता है।