गौठानों की गतिविधियों पर नजर रखने नियुक्त होंगे प्रभारी : गिरीश

Update: 2021-07-10 05:31 GMT

रायपुर (जसेरि)। प्रदेश में गोधन न्याय योजना की सफलता के बाद सत्ता और संगठन की गौठानों में गतिविधियों पर पैनी नजर है। सरकार और पीसीसी के नेता संयुक्त रूप से गौठानों की टोह ले रहे है. सभी जिलों के गौठानों के दौरे और समितियो के सदस्यों समेत ग्रामीणों से चर्चा कर फीडबैक लिया जायेगा। वही इसकी पूरी रिपोर्ट पीसीसी और सीएम भूपेश बघेल को दी जाएगी। पीसीसी उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन और सीएम के कृषि सलाहकार प्रदीप शर्मा एक साथ तीन जिलों का दौरा कर लौट चुके है।

स्थानीय स्तर पर गोठान प्रभारियों की नियुक्तियों के साथ अब दुष्प्रचार पर भी नजर होगी वही तत्काल इसका तथ्यों के साथ जवाब भी दिया जाएगा। इसके लिए भी गोठान प्रभारियों को वास्तविक तथ्यों पर पूरी जानकारी लगातार संगठन को भेजने के निर्देश दिए गए है। गौठानों की वेवस्थाओ का निरिक्षण कर रहे है। सधारण के साथ गावों में चर्चा कर सुझाव ले रहे है। गौठानों की बेहतरी और आर्थिक मजबूती पर फोकस है।

सीमेंट संयंत्र के कब्जे वाले भूमि के मालिकों को दिलाया जाएगा मुआवजा

छत्तीसगढ़ खनिज निगम अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त गिरीश देवांगन ने कहा कि सीमेंट संयंत्र ने जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित व अतिक्रमित की है उन भूमि स्वामियों को उचित मुआवजा संयंत्र द्वारा दिलाया जाएगा। क्षेत्र के संयंत्रों के संबंध में उन्होंने कहा कि सुहेला सहित हिरमी, गुमा, रावन, चुचरूंगपुर परिक्षेत्र की आंतरिक मार्गों को सीमेंट संयंत्रों द्वारा बनवाया जाएगा क्योंकि सीमेंट संयंत्र के वाहन ही उपरोक्त सड़कों का उपयोग करते हैं इसीलिए उनकी नैतिक जिम्मेदारी ही है। सुहेला मुख्य मार्ग के संदर्भ में उन्होंने कहा कि 10000 करोड़ रुपये की लागत से छत्तीसगढ़ में विभिन्ना स्थानों पर सड़कों पर निर्माण कराया जा रहा है उसमें सुहेला मुख्य सड़क को जोडऩे का प्रयास करूंगा। इस सड़क के चौड़ीकरण का कार्य कम से कम पांच किलोमीटर तक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हिरमी, रावन, गुमा, चुचरुंगपुर आदि के किसानों ने भूमि अतिक्रमण की शिकायत पहले भी की थी अभी भी की है कि हाई पावर कमेटी द्वारा जांच करवाकर उचित मुआवजा राशि दिलाई जाएगी। देवांगन ने कहा कि क्षेत्र की सभी गिट्टी खदानों व क्रेशर भूमि का पुन: मूल्यांकन कराया जाएगा तथा शासकीय राजस्व के नुकसान को गिट्टी खदान व क्रेशर मालिकों से वसूला जाएगा। गरीब जनता तथा गांवों के किसानों की अधिकांश शिकायतें मुआवजें और जबरन कब्जे को लेकर रहती हैं। सिमेंट कंपनी की और से गुंडा और बाउंसरों को भेजकर गांवो के गरीब जनता को चमकाया और डराया जाता है और उन्हीं की भूमि को अधिग्रहण के नाम से जबरन कब्जा कर सिंमेंट कंपनियां अपनी वाउंड्रीवाल निर्माण करती है। विबाद होने की स्थिति में गांवों की जनता और किसानो की नुकसान ही होता है क्यों की किसी भी स्थिति में कंपनियों के बाउंड्रीवाल हटती नहीं है या हटाई नहीं जाती है।

सुहेला में अब तक तहसील स्तरीय नहीं हो रहा काम: बलौदाबाजार से बेमेतरा जाते गिरीश देवांगन का ग्राम रिसदा, पड़कीडीह, सुहेला, बिटकुली, केसली, सिमगा में भव्य स्वागत किया गया। उन्होंने बिटकुली, सुहेला, केसली के गोठानों का निरीक्षण भी किया। उपरोक्त अवसर पर उनके साथ मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, पूर्व जिला अध्यक्ष विद्याभूषण शुक्ला, प्रदेश कांग्रेस महामंत्री सीमा वर्मा, जिला कांग्रेस अध्यक्ष हीतेंद्र ठाकुर, ब्लाक अध्यक्ष भुनेश्वर वर्मा, मोतीलाल वर्मा, जिला प्रवक्ता डा. फारुकी, जनपद पंचायत अध्यक्ष वीणा आडील शामिल थे। उन्होंने कहा कि सुहेला को अब तक पुन: तहसील का दर्जा मिलने के बाद भी यहां पर तहसील स्तरीय कार्य नहीं हो रहा है। भूमि पंजीयन, नकल व अन्य कार्यों के लिए 30 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। 

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