प्रभारी प्राचार्य ने बेचीं सरकारी पुस्तकें, जिला शिक्षा अधिकारी ने की बड़ी कार्रवाई

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Update: 2023-08-28 15:18 GMT
खैरागढ़। जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के खैरागढ़ शिक्षा विभाग के जिला मुख्यालय से देर शाम आज एक आदेश जारी किया गया है। जो कोतुहल का विषय बना हुआ है, आदेशित पत्र में बताया जा रहा है कि कमलेश्वर सिंह व्यख्याता एल. बी. प्राचार्य स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट अंग्रेजी / हिंदी माध्यम के शास. कन्या उच्च. माध्य. शाला खैरागढ़ वी.ख. खैरागढ़ जिला खैरागढ़-छुईखदान- गंडई के विरुद्ध की गई शिकायत के जांच में पुष्टी सही पाये जाने के फलस्वरूप उन्हें प्रभारी प्राचार्य के पद से हटाकर शासकीय उच्च.माध्य. शाला कांचरी विकासखण्ड खैरागढ़ में अध्यायपन कार्य हेतु अस्थायी रूप से आगामी आदेश पर्यंत आदेशित किया गया है।

आपको बता दें कि खैरागढ़ जिला मुख्यायल के शिक्षा विभाग से जुड़ी अनियमितता एवं भ्रष्टाचार के मामले को लेकर इसका खुलासा करते हुए खैरागढ़ जिला के युवा कांग्रेस नेता राजा सोलंकी एवं उनकी पूरी टीम ने उपरोक्त जारी आदेशित पत्र के आधार पर दोषी पाए जाने वाले प्रभारी प्राचार्य की शिकायत सतत रूप से पिछले कई महीनों से खैरागढ़ जिला के उच्च अधिकारीयों से कर रहे थे। जिसमें प्रभारी प्राचार्य कमलेश्वर सिंह द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी योजना पे अपनी मनमानी करते हुए जमकर पलीता लगाए जाने तथा पदेन दायित्वों में घोर अनियमितता किये जाने का खुलासा किया था ।
(1) मामला : सरकारी पुस्तकों को कबाड़ में बेच देना।
जिले के सरकारी कन्या शाला स्कूल की पाठ्य पुस्तक निगम की पुस्तकें स्कूल प्रबंधन के द्वारा कबाड़ी की दुकान को बेंच दिया गया था । यह मामला सामने आने के बाद 10 मई 2023 को कलेक्टर से शिकायत भी किया गया था। शिकायत के बाद भी विभागीय जांच में लीपापोती कर प्रभारी प्राचार्य कमलेश्वर सिंह को बचाने का भरसक प्रयास किया गया ।
(2) मामला : मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट आत्मानन्द उत्कृष्ट विद्यालय में एडमिशन के नाम पर छात्रओं से अवैध वसूली करना.
इतना ही नहीं इसी स्कूल में मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट नवीन आत्मानंद स्कूल इसी सत्र से संचालित हुवा है जहां पर यह स्कूल पूरी तरह से निशुल्क है. लेकिन प्रभारी प्राचार्य कमलेश्वर सिंह ने एडमिशन के नाम पर छात्रों से फीस के नाम पर जमकर वसूली कीया था। जिसका सोशल मीडिया में एक ऑडियो भी जमकर वायरल हुआ था। सूत्रों की माने तो वायरल ऑडियो में प्रभारी प्राचार्य कमलेश्वर सिंह की आवाज बताई जाती है । वहीं कमलेश्वर सिंह ने जांच दल को दिए गए बयान में जिला खैरागढ़ डी.ई.ओ के आदेश पर फीस लेना स्वीकार किया था। कथित वायरल ऑडियो की पुष्टी जनता से रिश्ता नहीं करता ।
किंतु बता दें कि, छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ड्रीम प्रोजेक्ट पर प्रभारी प्राचार्य ने जमकर पलीता लगाया जिसकी जानकारी खैरागढ़ जिला के युवा कांग्रेस नेता राजा सोलंकी और उनकी पूरी टीम को मिलते ही उन्होंने उक्त मामले की डिप्टी कलेक्टर के समक्ष ज्ञापन सौंपते हुए जिला कलेक्टर से शिकायत कर मामले में लिप्त दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने की मांग किया था। मीडिया में खबर के लगने के बाद छत्तीसगढ़ बाल सरक्षंण आयोग ने स्वतः संज्ञान में ले लिया था तथा जांच टीम खैरागढ़ पहुंच कर सबंधित उक्त विद्यालय के छात्र छात्राओं सहित पूरे स्टाफ से दो दिनों तक बयान लेते हुए जांच किया था। जांच सूत्रों की माने तो उक्त मामले की जांच में प्रभारी प्राचार्य ने प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के.वी. राव के मौखिक आदेश के चलते शुल्क लिए जाने की बात जांच अधिकारी को बयान में दिया है।
इधर मामले की जांच पूर्ण होने के बाउजूद उक्त प्रकरण में लिप्त सबंधितों पर कार्यवाही नहीं किये जाने को लेकर आज दोपहर पुनः जिला कलेक्टर कार्यालय खैरागढ़ में पहुंच कर अपनी नाराजगी व्यक्त किया था जिस पर जिला कलेक्टर गोपाल वर्मा ने डीईओ खैरागढ़ को फटकार लगाते हुए आज शाम तक कार्यवाही करने कहा था। नियमतः देखा जाए तो कमलेश्वर सिंह को निलंबित किया जाना था किंतु यह आश्चर्य की बात है कि इतने बड़े मामले की जांच में पुष्टि होने के बाद दोषी पाए जाने वाले प्रभारी प्राचार्य को प्रभारी जिला जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा दंड स्वरूप कमलेश्वर सिंह को सिर्फ तबादला का आदेश जारी करते हुए अभयदान दे दिया गया है जो कि आमजनता में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।
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