रायपुर में अवैध 80 प्रतिशत मकान , नगर निगम क्यों नहीं एक पर भी कार्रवाई

Update: 2022-10-18 03:38 GMT

रायपुर। नगर निगम का अवैध निर्माण पर ढीला रवैया अब भी बरकार है। हालात ऐसे हैं कि 2016 से नियमितीकरण की प्रक्रिया चल रही है, जिसके तहत अब तक 16-17 हजार लोगों ने नियमितीकरण करवाया है। वहीं, इससे पहले राजीनामा की प्रक्रिया चली, इसमें भी निगम के पास आए आवेदनों में से 20-22 हजार प्रकरणों पर जुर्माना लेकर उन्हें वैध किया गया। लेकिन 11 साल से राजीनामा सहित नियमितीकरण की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन इसके बावजूद ढाई लाख मकानों में से एक भी मकान की एक ईंट तक निगम के जिम्मेदार नहीं हिला पाए हैं।

जबकि निगम के ही अफसरों के अनुसार शहर में ढाई लाख में से 60% तक मकान अवैध हैं। यानी कि इन्होंने बिना निगम की अनुमति के ही मकानों का विस्तार किया है। वहीं, इस वर्ष फिर से नए नियमों के तहत नियमितीकरण की प्रक्रिया की जा रही है। जिसमें अब तक सिर्फ पांच हजार मकान मालिकों को ही नोटिस जारी किया गया है। ऐसे में निगम के सुस्त रवैये की वजह से अवैध निर्माण करने वालों को और बल मिल रहा है।

जानिए, क्यों मकान हैं अवैध

1. 10 प्रतिशत तक विस्तार वैध

निगम के नियमानुसार मकान बनवाने के लिए नक्शा पास करवाना अनिवार्य है। वहीं, मकान का विस्तार करवाने के लिए यानी कि एक मंजिल से बढ़ाकर दूसरी मंजिल या फिर खाली जगह पर निर्माण करवाने के लिए भी एनओसी लेना अनिवार्य है। इसके तहत 10% तक बिना अनुमति निर्माण वैध माना जाता है। लेकिन इसके बावजूद शहर के लोगों ने 30 प्रतिशत तक विस्तार बिना अनुमति के ही किया है।

2.व्यावसायिक भवनों के लिए पार्किंग अनिवार्य

इसके अलावा व्यावसायिक भवनों में पार्किंग के लिए जगह होना अनिवार्य है। यानी कि क्षेत्रफल के हिसाब से उनके लिए कितनी गाड़ियां खड़ी होने की जगह होनी चाहिए, यह पहले ही तय कर लिया जाता है। इसके बावजूद ज्यादातर भवनों में पार्किंग के लिए जगह ही नहीं है। फिर भी इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है।

3. अब तक 500 से ज्यादा आवेदन, नोटिस पांच हजार

शहर में नए सिरे से नए नियमों के तहत नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके तहत जोन स्तर पर आवेदन लिए जा रहे हैं। जिसमें अब तक पांच सौ लोगों के ही आवेदन अब तक आए हैं। वहीं, ढाई लाख से ज्यादा मकानों और 200 से ज्यादा व्यावसायिक भवनों में से सिर्फ पांच हजार को ही नोटिस जारी किया गया है।

4. राजीनामा का सटीक रिकार्ड भी निगम के पास नहीं

इसके अलावा नियमितीकरण के नियमों से पहले राजीनामा की प्रक्रिया चलती रही है, लेकिन कितने भवनों का राजीनामा किया गया है और कितना शुल्क निगम को इससे मिला है, इसका रिकार्ड भी अफसरों के पास नहीं है। ऐसे में कितने भवनों का निर्माण अवैध और उन्हें नोटिस नहीं जारी किया गया है, इसकी जानकारी तक निगम को नहीं है।

रायपुर नगर निगम के नगर निवेशक बीआर अग्रवाल ने कहा, नियमितीकरण के लिए प्रक्रिया जारी है, इसमें ऐसे लोग ही आवेदन कर रहे हैं, जिन्हें भविष्य में कार्रवाई का डर है। रही बात नोटिस की, तो निरंतर प्रक्रिया जारी है, ऐसे भवनों का चिन्हांकन कर उन्हें नोटिस जारी कर नियमितीकरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। कार्रवाई जल्द ही शुरू की जाएगी।

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