ईदगाहभाठा बना नशेडिय़ों का स्वर्ग, मिलने लगा है खुराक
माल और कमाल वालों की फिर सजने लगी महफिल
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। ईदगाहभाठा इलाके में चल रहा नशे का कारोबार फिर शुरू हो गया है। पिछले दिनों निगम द्वारा अवैध बस्ती को उजाडऩे के बाद नशे का कारोबार बंद हो गया था। जो अब फिर शुरू हो गया है। सूचना के बाद भी सख्त कार्रवाई नहीं होने के कारण अवैध कारोबारियों के हौसले बुलंद है। यही कारण है कि कारोबारी अवैध धंधे से बाज नहीं आ रहे है। और अपने गतिविधियों को बेखौफ चला रहे है। जनता से रिश्ता ने पूर्व में भी इस इलाके में नशे का सामान बेचे जाने की खबर प्रकाशित किया था।
गांजा बेचने वाला सरगना गिरफ्त में नहीं : ईदगाहभाठा इलाका शहर के बीचों बीच बसा हुआ है और इस इलाके में गांजे का व्यापार काफी सालों से आबाद था। मगर विगत दिनों निगम द्वारा झुग्गी-बस्तियों को तोडऩे का निर्णय लिया गया और अवैध कारोबार को बंद करने की मुहीम चली जिसके बाद ईदगाहभाठा में गांजा बेचने वाले सरगना शांत हो गया। मगर अब फिर से लाखेनगर चौक और आस-पास के मोहल्ले में खुलेआम गांजा बेचा जा रहा है। छत्तीसगढ़ में नशे का कारोबार दिन पर दिन फल-फूल रहा है, नशे ने युवा पीढ़ी को अपने आगोश में ले रखा है। राजधानी रायपुर में शराब, गांजा, हेरोइन, चरस, हेरोइन, अफीम की तस्करी का खेल खुलेआम चल रहा है, नशे का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। शहर के अधिकांश लोग यहां से फोन पर कांटेक्ट कर माल की सप्लाई करते हैं। इसके लिए तस्करों ने महिलाओं और बच्चों को नियुक्त कर रखा है। तस्कर कई बार पकड़ जाते हैं मगर ढीली कानून व्यस्था की वजह से कार्रवाई पूरी नहीं हो पाती। नशेड़ी यहां खुलेआम धुंआ उड़ाते नजर आते हैं।
इस गली में बिकता गांजा : ईदगाहभाठा इलाके की वो एक ही गली है निगम द्वारा जब बस्तियों को हटाया गया था। अब वो गली फिर से अवैध कारोबार का गढ़ बन चुका है। लाखे नगर से राजकुमार कॉलेज जाने वाले रास्ते में वो पहली गली है। इस गली में एक ही दुकान है और उसी दुकान के सामने दो समय नशे के कारोबारियों का जमावड़ा लगा रहता है। तथाकथित महिला गांजा कारोबारी अपने आदमी को उस दुकान के सामने बैठकर रखते है और किस भी ग्राहक को पुडिय़ा बेचने के लिए आदेश देते है। गली के एक तरफ से ग्राहक आता है और दूसरे तरफ से निकल जाता है।
पुडिय़ा के नाम से पुकारा जाता है गांजा : नशे के अड्डे में गांजा को लोग पुडिय़ा के नाम से पुकारते हैं। जिससे किसी अनजान व्यक्ति को इसकी जानकारी नहीं होती। ईदगाहभाठा क्षेत्र में पुडिय़ा मांगते ही संबंधित व्यक्ति द्वारा गांजे की व्यवस्था कर दी जाती है। बालिग़ से लेकर नाबालिग बच्चे भी गांजा ले रहे हैं। विश्वसनीय सूत्रों ने बताया है कि ईदगाहभाठा इलाके के बच्चे छुटिट्यों में शौचालयों पर धुम्रपान गांजा जैसे नशीले पदार्थोंं का भी सेवन करते है।
गांजा बेचने के लिए गुपचुप तरीका अपनाया
ईदगाहभाठा इलाके में जब झुग्गी-बस्ती हुआ करती थी जहां एक बुजुर्ग महिला गांजा बेचती थी। मगर जब से निगम द्वारा कार्रवाई कर बस्तियों को हटाया गया तब से उसी महिला ने अपने अवैध कारोबार में कुछ फेरबदल कर दिए है महिला ने एक लड़के को अपने साथ मिला लिया है। और वो युवक नियमित ग्राहकों को ही गुपचुप तरीके से गांजे की पुडिय़ा बेचता है। इस काम की जांच करने जब पुलिस जाती है तो युवक वहां से फरार हो जाता है। और पुलिस के चले जाने के बाद फिर से युवक अपना काम में लग जाता है।
पॉकेट टू पॉकेट सप्लाई
लोगों और पुलिस वालों की नजऱों से बचने के लिए ग्राहकों को गांजा उपलब्ध कराने के लिए धंधेबाज कई तरीके अपनाते है इसमें एक तरीका पॉकेट टू पॉकेट सप्लाई का भी है। इसमें धंधेबाज का आदमी पुडिय़ा अपने जेब में रखे रहता है। और ग्राहक को संकेत से आगे बढऩे को कहता है कुछ दूर वो भी उसके पीछे-पीछे जाकर चुपके से पुडिय़ा उसके जेब में डाल देता है। इससे ग्राहक को सामान भी मिल जाता है। और लोगों को गांजा बेचने का भनक भी नहीं लगता।