IAS Namrata Jain, आज की कई लड़कियों के लिए है एक रोल मॉडल
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रायपुर। 8 मार्च को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। इस मौके पर कोरिया जिला पंचायत की CEO और आईएएस नम्रता जैन के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, जो आज की कई लड़कियों के लिए एक रोल मॉडल हैं। नम्रता के परिवार में कोई भी शासकीय सेवा में नहीं है। व्यवसायी परिवार से आने के बावजूद उन्होंने सिविल सेवा को ही चुना।
नम्रता जैन ने बताया कि बचपन में जब उन्होंने बस्तर के गीदम थाने के चारों ओर नक्सलियों को अंधाधुंध गोलियां चलाते देखा, तो उनके मन में एक सवाल उठा कि क्या नक्सली अपनी विचारधारा को नहीं छोड़ सकते? फिर उन्होंने सोचा कि अगर लोगों की सोच को बदलना है, तो समाज में बदलाव लाना होगा और समाज में बदलाव लाने के लिए प्रशासनिक शक्तियों का होना जरूरी है। बस यहीं से उनके मन में आईएएस बनने का जुनून सवार हो गया और उन्होंने अपने इस सपने को पूरा करने के लिए खूब मेहनत भी की।
नम्रता धुर नक्सली दंतेवाड़ा जिले के गीदम से आती हैं, उनके पिता जेसी जैन व्यवसायी और मां किरण जैन गृहिणी हैं। गीदम में कोई अच्छा स्कूल नहीं है, इसलिए उन्हें अपनी प्रारंभिक शिक्षा अर्जित करने के लिए 8 किलोमीटर दूर करली के निर्मल निकेतन स्कूल में दाखिला लेना पड़ा। वहां 10वीं कक्षा तक ही स्कूल था, इस कारण दसवीं की पढ़ाई के बाद घर वाले बाहर पढ़ने नहीं भेजना चाह रहे थे, तब मां ने नम्रता की पढ़ाई बाहर करवाने के लिए घर वालों को मनाया। तब जाकर वे आगे की पढ़ाई के लिए दुर्ग चली गईं। आईएएस नम्रता जैन ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई भिलाई से पूरी की है।
नम्रता बताती हैं कि मैंने 2015 में पहली बार यूपीएससी का एग्जाम दिया था, लेकिन मैं प्री ही नहीं निकाल पाई थी। 2016 में फिर से एग्जाम दिया और इस परीक्षा में 99वें रैंक हासिल हुआ। इसमें पास होकर वो मध्य प्रदेश कैडर की आईपीएस अधिकारी बनीं। हालांकि हमेशा से उनका सपना प्रशासनिक सेवा में जाने का था। हैदराबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस अकेडमी में ट्रेनिंग करने साथ वे यूपीएससी की तैयारी में भी जुट गईं। उन्होंने 2018 में तीसरी बार यूपीएससी का एग्जाम दिया और 12वां रैंक हासिल किया।