रायपुर raipur news। पुनर्वास भूमि को मोटी रकम लेकर बेचने की शिकायत पर भारत सरकार की कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय ने सूरजपुर surajpur की पूर्व कलेक्टर इफ्फत आरा Iffat Ara के विरुद्ध जांच का आदेश दिया है। कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय के अवर सचिव रूपेश कुमार ने मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन रायपुर को जांच के लिए पत्र भेजा है। Chhattisgarh Government
chhattisgarh news अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता डी के सोनी ने बताया कि उन्होंने सूरजपुर की तत्कालीन कलेक्टर इफ्फत आरा के 20 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री के नाम दस्तावेजों सहित शिकायत भेजी थी। इसमें यह उल्लेख किया गया कि वर्ष 2021-22 में 5 डिसमिल पुनर्वास भूमि की बिक्री के लिए कलेक्टर सूरजपुर द्वारा भू माफियाओं से सांठ-गांठ की। पूर्व कलेक्टर के द्वारा कुल 31 प्रकरणों में बिना किसी दस्तावेज के जांच किए अनुमति दी गई। क्रेता विक्रेता का हस्ताक्षर भी अपने समक्ष सुनवाई में नहीं कराई। सुनवाई किए बगैर स्थानांतरण होने के बाद बैक डेट में सभी में अनुमति दी गई।
शिकायत में कुछ कथित जमीन दलालों के नाम का उल्लेख किया गया है और कहा गया है कि इनके जरिए करोड़ों रुपयों की अवैध वसूली की गई है। आदिवासी महिला के नाम पर भी कई जमीन ली गई है। उक्त मामले की जांच के लिए 1 मई 2024 को भारत सरकार के कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय के अवर सचिव रुपेश कुमार के द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्य सचिव को भेजा गया है।