रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चल रहे कांग्रेस के 85वें अधिवेशन का आज तीसरा और आखिरी दिन है. इस दौरान राहुल गांधी ने अपनी कई बातें संबोधन में सुनाई. इस दौरान उन्होंने अपने खुद के आशियाने के बारे में भी बताया. राहुल ने कहा कि 52 साल हो गए, मेरे पास आज तक अपना घर नहीं है. इलाहाबाद में जो है, वो भी मेरा घर नहीं. मैं 12 तुगलक रोड में रहता हूं, वो भी मेरा घर नहीं है.
वहीं इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि फुटबॉल खेलते वक्त कॉलेज में चोट लगी थी. मैं दौड़ रहा था, दोस्त ने अड़ंगी मार दी थी. वो दर्द भी गायब हो गया था, जैसे ही यात्रा शुरू की, दर्द वापस आ गया. आप मेरा परिवार हो तो आपसे कह सकता हूं कि सुबह उठकर सोचता था कैसे चला जाए. उसके बाद सोचता था कि 25 किलोमीटर नहीं 3 हजार 500 किलोमीटर चलना है, कैसे चलूंगा. राहुल गांधी ने कहा कि फिर कंटेनर से उतरता था चल देता था. लोगों से मिलता था. पहले 10-15 दिन में अहंकार और घमंड गायब हो गया, क्यों गायब हुआ, क्योंकि भारत माता ने मैसेज दिया था कि तुम निकले हो कन्याकुमारी से कश्मीर के लिए तो अपने दिल से अहंकार मिटा दो. नहीं तो मत चलो. मुझे ये बात सुननी पड़ी. मुझमें इतनी शक्ति नहीं थी कि ये बात ना सुनूं.
राहुल ने कहा कि यात्रा में मेरे साथ लोग थे. लाखों लोग थे. मैं सोचता था कि मैं क्या कर रहा हूं. मकसद क्या है. मैंने अपने दफ्तर के लोगों को बुलाया. उनसे कहा कि भीड़ है लोगों को धक्का लगेगा, चोट लगेगी. हमें एक काम करना है कि मेरे साइड में 20-25 फीट तक जो जगह है, वो हमारा घर है। ये घर हमारे साथ चलेगा। सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक ये घर साथ चलेगा.