रायगढ़। औद्योगिक नगरी रायगढ़ में फ्लाई एस से होने वाली समस्या थमने का नाम नहीं ले रहा है। कहि बिना NOC लिए स्कूल व गांव में फ्लाई एस डंपिंग कर दिया जा रहा है,तो कहीं फ्लाई एस की ओवरलोडिंग के कारण समस्या उत्पन्न हो रही है। ऐसी बात नहीं है कि इसकी जानकारी प्रशासन को ना हो।
आए दिन फ्लाई एस का मुद्दा शहर में अखबारों की सुर्खियां बन रही है, तो वहीं सोशल मीडिया के जरिए भी लोग अपने गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। फ्लाई एस का मुद्दा एक बार फिर तमनार ब्लॉक में उठा है। जहां लिबरा के पीड़ित ग्रामीणों के द्वारा पुनः चक्का जाम कर JPL के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है।
बता दे कि लिबरा के ग्रामीणों के द्वारा पिछली बार भी एसईसीएल कंपनी के द्वारा खदान में किए जा रहे ब्लास्टिंग की तीव्रता व जिंदल प्रबंधन के द्वारा सड़कों पर दौड़ाई जा रही फ्लाई एस की ओवरलोडिंग गाड़ियों से हो रही समस्या को लेकर चक्का जाम किया गया था।
तब चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का कहना था कि एसईसीएल कंपनी के द्वारा कोल माइंस में कोयले निकालने के लिए ब्लास्टिंग किया जाता है। लेकिन अत्यधिक ब्लास्टिंग तीव्रता की वजह से क्षेत्र की धरती कॉप जाती है। तेज कंपन होने के कारण आसपास के लोगों के घरों की दीवारें पर दरारें आने लगी है। जिससे पीड़ित ग्रामीणों में दीवारों के ढहने का डर बना हुआ रहता है।
चक्का जाम होने के बाद प्रशासन और प्रबंधन धरना स्थल पर पहुंचे। जहां त्रिपक्षीय वार्ता के बाद मामला सुलझा था। ग्रामीणों को लिखित में आश्वासन दिया गया गया था कि SECL प्रबंधन के द्वारा खदान में किए जा रहे ब्लास्टिंग की तीव्रता कम किया जाएगा। और जिंदल प्रबंधन की ओर से यह कहा गया था कि फ्लाई एस की ओवरलोड गाड़ियां नहीं चलेंगी और गाड़ियों में त्रिपाल ढकवाया जाएगा।
चक्का जाम करने के लिए फिर मजबूर हुए पीड़ित ग्रामीण
फ्लाई एस की समस्या से निजात नहीं मिलने पर लिबरा के ग्रामीणों ने आज फिर सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। सुबह से दोपहर 2:00 बजे तक सड़क जाम रही। जिससे सड़क के दोनों ओर गाड़ियों की लंबी कतारें लग गई। ग्रामीणों ने बताया कि बीती रात हुंकारा डिपा से लिबरा तक सड़क पर फ्लाई एस गिरा हुआ था। जिससे सड़क पर आवागमन करने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
गांव को विस्थापित करने, की गई मांग
प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि लिबरा गांव मुख्य सड़क से लगा हुआ है। जिस वजह से सड़कों पर गिरे फ्लाई हवा व गाड़ियों की तेज रफ्तार गति के कारण घरों तक पहुँचती है। ग्रामीणों ने जिंदा प्रबंधन से यह मांग की कि हमारे गांव को विस्थापित कर ऊर्जानगर में बसा दिया जाए जिससे हमें परेशानी कम होगी।
गाड़ियों में फ्लाई एस का परिवहन व सड़को की सफाई को लेकर हुई चर्चा
जिंदल प्रबंधन के अधिकारी और प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों के बीच यह बात हुई कि सड़कों पर फ्लाई एस की ओवरलोडिंग गाड़ियां न चलाकर अंडरलोड गाड़ियां चलाई जाएंगी। वहीं सड़कों पर गिरने वाले फ्लाई एस को डिस्पोज करने के लिए उचित व्यवस्था किया जाएगा। गाड़ियों की रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए जिंदल प्रबंधन की ओर से सड़कों में गार्ड की ड्यूटी लगाई जाएगी।