भारतरत्न' डॉ. बीआर अंबेडकर की जयंती पर शत्-शत् नमन

Update: 2023-04-14 04:05 GMT

रायपुर। आज डॉ अंबेडकर की जयंती है. भारत के पहले कानून मंत्री डॉ भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान के पिता कहे जाते हैं. डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर की अध्यक्षता में दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान संविधान सभा द्वारा तैयार किया गया था. अम्बेडकर जयंती को जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न जैसी सामाजिक बुराइयों से लड़ने में न्यायविद के समर्पण को याद करने के लिए भी मनाया जाता है. उन्होंने जाति व्यवस्था का कड़ा विरोध किया और इसे समाज से मिटाने का प्रयास किया. डॉ भीमराव अंबेडकर हमेशा उत्पीड़ितों के साथ एकजुटता से खड़े रहे और महिलाओं, मजदूरों और अछूतों के जीवन के उत्थान के लिए काम किया. एक प्रखर समाज सुधारक, अर्थशास्त्री और प्रभावशाली वक्ता होने के नाते, डॉ अम्बेडकर राजनीति विज्ञान, कानून और अर्थशास्त्र जैसे विभिन्न विषयों के विद्वान थे.

14 अप्रैल 1891 को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महू के एक गांव में हुआ था. उन्हें बचपन से ही आर्थिक व सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ा. यहां तक की स्कूल में छुआछूत और जाति-पाति का भेदभाव झेलना पड़ा. लेकिन तमाम विषम परिस्थितियों के बाद भी अंबेडकर ने अपनी पढ़ाई पूरी की और एक या दो नहीं अपनी मेहनत से कुल 32 डिग्री हासिल की. विदेश से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की और अपने देश भारत में दलित समाज के उत्थान के लिए अनेकों कार्य किए.

डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर ने एक ऐसे भारत की कल्पना कि जहां सभी नागरिकों को कानून के तहत समान माना जाता है. साथ ही उन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी के लिए अभियान चलाया. इसलिए, उनके काम और एक बेहतर भारत बनाने की दिशा में किए गए योगदान को याद करने के लिए, डॉ अम्बेडकर के कुछ अनमोल वचन जानें. इन्हें आप इस अम्बेडकर जयंती पर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को भेज सकते हैं.


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