मानव तस्करों को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

Update: 2022-09-22 05:23 GMT

दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने नाबालिगको बहला फुसलाकर अपने साथ ले जाने वाले और तस्करी करने वाले 2 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों को 1 लाख 15 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित भी किया गया है। इन्हें अलग-अलग धाराओं के तहत सजा मिली है। फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश शैलेष शर्मा ने सजा सुनाई है।

दरअसल, नाबालिग के परिजनों ने कुछ समय पहले भैरमगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि इलाके के ही रहने वाले बंजाराम मिच्चा (26) उनकी बेटी को बहला फुसलाकर दिल्ली ले गया। यहां लक्ष्मण (43) नाम के एक व्यक्ति के घर रखा था। फिर उसे लुधियाना ले जाकर किसी अन्य व्यक्ति के घर रखा गया। हालांकि, वहां से नाबालिग किशोरी भागकर दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंची। यहां GRP ने नाबालिग से पूछताछ की। उसने अपने साथ हुई पूरी घटना की जानकारी दी।

फिर, रेलवे सुरक्षा बल ने नाबालिग को दिल्ली सीडब्ल्यूसी को सुपुर्द किया। इसकी जानकारी नाबालिग के परिजनों को मिली। जब किशोरी घर पहुंची तो परिजनों ने भैरमगढ़ थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। जांच के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

वहीं अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक नीलिमा वर्मा ने 10 गवाहों का परीक्षण करवाया। पूरे मामले की जांच के बाद विशेष न्यायाधीश शैलेष शर्मा की विशेष अदालत ने आरोपियों को अलग-अलग धाराओं के तहत सजा सुना दी।

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