सरकारी भर्ती में भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार, कोर्ट ने पुलिस को दिए FIR दर्ज करने का आदेश

Update: 2022-04-17 04:18 GMT

रायपुर। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में दस साल पहले हुए उप अभियंता सिविल के पद पर भर्ती में भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। अपात्र को उप अभियंता बनाने और पात्र को अपात्र बनाने को लेकर पीड़ित ने कोर्ट में परिवाद दायर किया था। कोर्ट ने सिविल लाइन थाना पुलिस को अपराध कायम करने के साथ जांच के आदेश दिए है। मामले में शनिवार को अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ फर्जी दस्तावेज के आधार पर भर्ती कर धोखाधड़ी करने का अपराध कायम कर लिया है।

सिविल लाइन सीएसपी विरेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि वर्ष 2011-12 में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में उप अभियंता (सिविल) के 275 पदों की भर्ती के लिए व्यापमं ने 23 मार्च 2011 तक आवेदन आमंत्रित किया था। कोरबा निवासी पीड़ित भारतेंदु कुमार कमल का आरोप है कि भर्ती में वृहद पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है और अयोग्य व अपात्र व्यक्तियों को नियम विरुद्ध नियुक्ति दी गई। भर्ती प्रक्रिया में ऐसे व्यक्तियों को नियुक्ति दी गई है, जिनकी शैक्षणिक अर्हता आवेदन प्रस्तुति की अंतिम तिथि तक पूरी नहीं हुई थी।

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