होली पर्व में गोकाष्ठ से बनी होलिका की बिक्री हुई अधिक, महिला स्व सहायता समूह को मिलेगा लाभ

छग

Update: 2022-03-18 14:13 GMT

बिलासपुर। इस बार भी होली पर्व में गोकाष्ठ से बनी होलिका का दहन जगह जगह किया गया। नगर निगम के चारों गौठान में 25 क्विंटल से ज्यादा गोकाष्ठ की बिक्री हुई है। शहर में हर बार 500 से ज्यादा छोटे बड़े होलिका का दहन किया जाता है। जिसमे सैकड़ो क्विंटल लकड़ी जला दी जाती है।

वही इसे रोकने के लिए और सही तरीके से होलिका दहन की परंपरा का निर्वहन करने के लिए होलिका दहन के लिए गोबर से बनी गोकाष्ठ को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के तहत नगर निगम ने चारों गोठान को गोकाष्ठ बनाने का निर्देश दिया था।

वही पिछले एक महीने से गोकाष्ठ बनाया गया है। मोपका, सरकंडा, सकरी और सिरगिट्टी गोठान मिलाकर अभी तक 25 क्विंटल गोठान तैयार किया गया। जिसकी बिक्री भी हो गई है। अब गोकाष्ठ से बनी होलिका का दहन बड़ी संख्या में होने लगा है।

10 रुपए किलो में बेचा गया
पिछले साल होली के दौरान 6 रुपए प्रतिकिलो में गोकाष्ठ की बिक्री की गई थी। छोटी बड़ी समितियों ने मिलकर 15 क्विंटल से ज्यादा गोकाष्ठ की बिक्री की थी। इस बार गोकाष्ठ के रेट बढ़ाकर 10 रूपर प्रति किलो निर्धारित नहीं किया गया है। जिसकी बिक्री बड़े पैमाने पर हुई है। इस दौरान छेने की भी खूब बिक्री हुई है। तकरीबन पांच क्विंटल छेने की बिक्री हुई है। होली अब फिर से छेने का चलन बढता जा रहा है।
महिला स्व सहायता समूह को मिलेगा लाभ
होली के दौरान जितना अधिक गोकाष्ठ बिकेगा उतना अधिक फायदा गोठान से जुड़ी स्व सहायता समूह की महिलाओं को मिलेगा। इससे होने वाले कमाई का एक हिस्सा गोकाष्ठ बनाने वाले महिलाओ को मिलेगा। पिछले बार भी इसके माध्यम से अच्छी कमाई हुई थी।

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