छत्तीसगढ़ के DGP और आईजी को हाईकोर्ट का नोटिस, रिटायर्ड ASI ने दायर की थी याचिका
बिलासपुर। अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा और बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोर्ट ने आला अधिकारियों को तत्काल अपना पक्ष रखने को कहा है।
पंचराम ने वकील अभिषेक पांडेय के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि वे जांजगीर चांपा जिले में एएसआइ के पद पर पदस्थ थे। सेवाकाल के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों ने अधिक वेतन का भुगतान करने का हवाला देते हुए रिकवरी आदेश जारी कर दिया। याचिकाकर्ता ने नियमों की जानकारी देते हुए कहा कि वे तृतीय श्रेणी कर्मचारी हैं। इस वर्ग के कर्मचारी से किसी भी प्रकार की वसूली पर राज्य शासन ने रोक लगा रखी है। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने वसूली आदेश पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट के आदेश के तकरीबन तीन महीने बाद वे सेवानिवृत्त हो गए। सेवानिवृत्ति के पश्चात बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक और जांजगीर चांपा पुलिस अधीक्षक ने रिकवरी आदेश जारी कर दिया। इसके साथ संपूर्ण सेवानिवृत्ति देयक पर भी रोक लगा दी। याचिकाकर्ता ने अपने वकील के जरिए हाई कोर्ट में दोबारा याचिका दायर की।
मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने वसूली पर रोक लगाते हुए संपूर्ण सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान करने का आदेश जारी किया था। हाई कोर्ट के आदेश के बाद आला अधिकारियों ने देयक का भुगतान नहीं किया। न्यायालयीन आदेशों की अवहेलना का आरोप लगाते हुए याचिकाकर्ता ने डीजीपी, आइजी बिलासपुर रेंज व पुलिस अधीक्षक जांजगीर चांपा के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि कोर्ट ने मासिक पेंशन, ग्रेच्युटी, जीपीएफ, जीआइएस एवं अवकाश नगदीकरण राशि देने का आदेश दिया था। आला अफसरों ने कोर्ट के आदेश का अवहेलना करते हुए अब तक राशि का भुगतान नहीं किया है। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए आला अधिकारियों ने अवमानना नोटिस जारी कर तत्काल जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।