CGPSC में महिला आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट ने सुनाया महत्वपूर्ण फैसला

Update: 2023-06-07 03:36 GMT

बिलासपुर। लोक सेवा आयोग (PSC) 2014 के लिए जारी मेरिट लिस्ट को चुनौती देते हुए लगाई गई याचिका पर हाईकोर्ट ने महिलाओं के आरक्षण के संबंध में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. एक महिला अभ्यर्थी की ओर से दाखिल याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की बेंच ने कहा है, कि महिलाओं के लिए 30 फीसदी से अधिक आरक्षण की अनुमति नहीं है, कोर्ट ने फैसले में वर्टिकल, होरिजेंटल आरक्षण को नए सिरे से स्पष्ट किया है. दरअसल, पीएससी ने वर्ष 2014 में राज्य प्रशासनिक सेवा के विभिन्न पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था, इसमें डिप्टी कलेक्टर के 21 पद शामिल थे. 21 पदों में से 9 पद अनारक्षित, 2 पद एससी, 7 पद एसटी और 3 पद ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित थे. इसमें से महिला आरक्षण के तहत 2 पद अनारक्षित महिला और 2 पद एसटी वर्ग की महिला प्रतिभागी के लिए आरक्षित थे. विज्ञापन के अनुसार ओबीसी महिला के पद आरक्षित नहीं थे. चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद मेरिट में 10वें नंबर पर ओबीसी वर्ग के प्रतिभागी ओंकार यादव का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ. इसे पीएससी की मुख्य परीक्षा में शामिल रही हिमशिखा साहू ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि ओबीसी महिला के लिए पद आरक्षित होने पर उनका चयन ओंकार यादव की जगह होना था. प्रारंभिक सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता महिला के पक्ष में अंतरिम आदेश दिया था. इस बीच यादव ने जीएसटी डिपार्टमेंट में ज्वाइन कर लिया. वे वर्तमान में असिस्टेंट कमिश्नर हैं.

मामले पर सुनवाई के दौरान बताया गया कि महिला 29वें नंबर पर थी, मेरिट लिस्ट में उनका नाम नहीं था, ऐसे में उन्हें याचिका दाखिल करने का भी अधिकार नहीं था. वहीं पीएससी की तरफ से जानकारी दी गई कि नियमों का पालन करते हुए मेरिट लिस्ट जारी की गई थी. सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने महिला की याचिका खारिज करते हुए उनके पक्ष में जारी अंतरिम आदेश निरस्त कर दिया है. कोर्ट ने प्रतिवादी अधिकारी की कोई गलती नहीं होने के कारण सीनियॉरिटी समेत अन्य लाभ देने के आदेश दिए हैं.

हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट और अन्य हाईकोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए वर्टिकल, होरिजेंटल आरक्षण को स्पष्ट किया है. कोर्ट ने कहा है कि वर्टिकल आरक्षण 50 फीसदी अनारक्षित और 50 फीसदी एससी, एसटी और ओबीसी के लिए है. एससी, एसटी और ओबीसी को वर्टिकल आरक्षण का लाभ दिया जाता है और शारीरिक रूप से दिव्यांगों को होरिजेंटल आरक्षण का लाभ दिया जाता है.


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