इंश्योरेंस कंपनी पर लगाया भारी भरकम जुर्माना, लोन देने कर दिया था इनकार
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बिलासपुर। लोन देने के नाम से बिल्डर से दो लाख स्र्पये की बीमा पालिसी शुरू की। इसके बाद लोन देने से इन्कार कर दिया। जिला उपभोक्ता फोरम ने सुनवाई करते हुए सेवा में कमी पाया और रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस रायपुर को दो लाख रुपये का जुर्माना सुनाया है। उक्त रकम 45 दिनों के भीतर पीड़ित को अदा करने के निर्देश दिए गए हैं। तारबाहर के सिरगिट्टी फाटक के पास रहने वाले हरदीप सिंह खनूजा बिल्डर और कंस्ट्रक्शसन का काम करते हैं। रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस के अभिकर्ता के माध्यम से 31 मार्च 2012 को शाखा प्रबंधक, शाखा कार्यालय रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिंक रोड बिलासपुर, प्रबंधक सीएससी कार्यालय शाखा कार्यालय रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस रायपुर, निर्देशक एवं अध्यक्ष कार्पोरेट कार्यालय शाखा रिलायंस लाईफ इंश्योरेंस गोरेगांव ईस्ट मुंबई से मनी बैंक योजना के अंतर्गत जीवन बीमा पालिसी शुरू की थी।
पालिसी देते समय रिलायंस लाइप इंश्योरेंस के अभिकर्ता योजना के तहत बीमा धारकों को सिटी बैंक लोन द्वारा लोन की सुविध प्राप्त होने का भरोसा देकर हरदीप सिंह खनूजा ने दो लाख स्र्पये जमा करवाया था। जब हरदीप सिंह ने लोन लेने की बात कही। तब अभिकर्ता ने पालिसी आ जाने के बाद अग्रिम कार्रवाई होने की बात की। बीमा पालिसी एक माह विलंब से प्राप्त हुई।
साथ ही दो लाख स्र्पये की रसीद भी दी गई। इसके बाद हरदीप सिंह ने लोन लेने के लिए अभिकर्ता से संपर्क किया। लेकिन अभिकर्ता ने स्पष्ट रूप से लोन दिलवाने से मना कर दिया। तब उन्होंने बीमा पालिसी निरस्त करवाकर पैसा वापस करने मांग की। अभिकर्ता ने पालिसी शुरू होने के 15 दिन के भीतर दावा करने पर पालिसी के पैसा वापस होने की जानकारी दी। जबकि बीमा कंपनी से ही पालिसी की रसीद एक माह देर से मिली थी। इसके बाद हरदीप सिंह खनूजा ने जिला उपभोक्ता फोरम में परविाद दायर किया। फोरम के अध्यक्ष उत्तरा कुमार कश्यप और सदस्य रूखमणी दिव्या ने मामले की सुनवाई करते हुए रिलायंस लाइप इंश्योरेंस को दो लाख स्र्पये पीड़ित को लौटाने के निर्देश दिए। साथ ही छह फीसद वार्षिक दर से साधारण ब्याज के रूप में आद करने कहा गया। इसके अलावा पीड़ित को तीन हजार स्र्पये मानसिक क्षतिपूर्ति और पांच हजार स्र्पये परिवाद व्यय देने के लिए कहा गया है।