गरियाबंद। एक दिन के कलेक्टर रहे शैलेन्द्र की हालत हफ्तेभर से गंभीर है. पिता प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं है. मामला छुरा ब्लॉक के ग्राम मेढकीडबरी का है, जहां प्रोजेरिया (Progeria Disease) जैसी लाइलाज बीमारी से ग्रसित 17 साल का शैलेंद्र पा फ़िल्म के मुख्य किरदार की तरह दिखता है. उसकी इच्छा पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर प्रशासन ने 2021 में एक दिन का कलेक्टर बनाया था.
सेडो कलेक्टर बनने के बाद शैलेन्द्र को भेंट करने के लिए मुख्यमंत्री ने राजधानी बुलवाया था. लेकिन कुछ दिन के पूछ-परख के बाद उसे अब अपने हाल में छोड़ दिया गया है. पिछले हफ्तेभर से शैलेन्द्र की हालत गम्भीर बनी हुई है. उसके पिता मदद के लिए प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं है.