CG में युवक की मिली अधजली लाश, पुलिस ने किया शिनाख्त

छग

Update: 2024-07-16 15:21 GMT
Dalli Rajhara. दल्ली राजहरा। किलेवाड़ी मां के मंदिर के पास कल सुबह अज्ञात युवक जली हुई स्थिति में जीवित मिला था, कुछ समय बाद उनकी मृत्यु हो गई थी। उसकी शिनाख्त विनोद गुप्ता के रूप में हुई। महामाया थाना के सहायक उप निरीक्षक देव कुमार कोराम ने बताया कि कल सुबह राजनांदगांव के निजी अस्पताल के एक व्यक्ति जो मंदिर दर्शन के लिए आए थे, उनके द्वारा पुलिस प्रशासन और 102 को फोन लगाकर बताया गया कि कोई अज्ञात व्यक्ति किलेवाडी माता मंदिर के पश्चिम दिशा में स्थित एक छोटा सा रूम है।

वहां पर जला हुआ स्थिति में जीवित मिला है। पुलिस प्रशासन द्वारा जाकर निरीक्षण किया गया तब तक उस व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग द्वारा नीचे उतारा जा रहा था। जानकारी के अनुसार इस मंदिर में पुजारी गिरवर मंडावी एवं उनके पिताजी पूजा करने प्रतिदिन सुबह 7 बजे एवं शाम को 6 बजे जाते हैं। मंदिर के पुजारी गिरवर मंडावी ने बताया कि वह पूजा कर 7.30 बजे के करीब नीचे उतर रहा था उस समय उपरोक्त व्यक्ति अकेला हाथ में कैरी बैग और एक बोतल रखकर ऊपर चढ़ रहा था। उन्होंने ध्यान नहीं दिया सोचा कि मंदिर में हमेशा व्यक्तियों का पूजा-अर्चना और दर्शन के लिए आना जाना रहता है। इसी तरह यह व्यक्ति भी पूजा करने आया होगा और नीचे उतर गया।

नंदगांव से आए हुए जिस व्यक्ति ने फोन किया था उन्होंने जब ऊपर जाकर देखा तो वह व्यक्ति जला पड़ा हुआ था और वह जीवित अवस्था में था, वहां पर एक पानी का खाली बोतल पड़ा हुआ था जिसमें से पेट्रोल की बदबू आ रही थी, उन्हें पूछने पर वह अपना पता दल्ली राजहरा के आशा टॉकीज के पास बताया। नीचे उतरने पर एक रेंजर साइकिल लाल पीले रंग के मिला है। महामाया पुलिस प्रशासन और दल्ली राजहरा के द्वारा जांच पड़ताल किया जा रहा था। कल शाम को जानकारी मिली की मृतक व्यक्ति विनोद गुप्ता (बाबू) उम्र लगभग 17 वर्ष पिता मनोज गुप्ता वार्ड नंबर 4 टैबलरसीट आशा टाकीज के सामने पुराना चित्र मंदिर के पीछे दल्ली राजहरा निवासी है। जानकारी के अनुसार बाबू बेहद सरल स्वभाव के मिलनसार और होनहार था।

वह गुरु नानक हाई स्कूल में 12वीं कक्षा के कॉमर्स संकाय का विद्यार्थी था, वह अपने बड़ों के साथ बेहतर व्यवहार रखता था तथा ऊंचा पूरा होने से प्रशासनिक सेवा में जाने का इच्छा रखता था। सुबह मिलिट्री में भर्ती होने तैयारी के लिए दौडऩे के लिए ग्राउंड भी जाया करता था। लडक़ा बेहतर होनहार स्वभाव का था गरीबी पारीस्थिति के कारण अंकित बुक डिपो के सामने समोसा दुकान में मदद के तौर पर काम करता था, जिससे कुछ पैसे इनको मिल जाता था। इस तरह से होनहार अबोध बालक का इतनी कम उम्र में आत्महत्या करना और वह भी अपने घर से लगभग 15-20 किमी दूर पेट्रोल लेकर जाना कई मामले में जांच का विषय है। पुलिस जांच के बाद ही यह पता चल पाएगा कि किस दबाव और परेशानी के कारण बाबू आत्महत्या जैसे खतरनाक कदम उठाया है।
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