गुरुकुल स्कूल का छात्र छत से गिरा, इलाज के दौरान हुई मौत

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Update: 2021-09-30 12:52 GMT

जगदलपुर: दंतेवाड़ा जिले के आस्था गुरुकुल बालक आवासीय विद्यालय में 9वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र अशोक कुमार कड़ती की मौत हो गई। छात्र की मौत मंगलवार की रात जगदलपुर के डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में हुई। लेकिन बच्चे की मौत के बाद दंतेवाड़ा में जबरदस्त हड़कंप मच गया है। बच्चे के बड़े भाई ने आरोप लगाया है कि, छत से गिरने की वजह से उसके भाई अशोक की मौत हुई है। इसकी जानकारी मिलते ही कलेक्टर दीपक सोनी ने ADM अभिषेक अग्रवाल के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच टीम बनाकर तुरंत आस्था गुरुकुल भेजा। जो इस मामले की जांच कर रही है।

इस टीम में ADM के अलावा ट्राइबल विभाग के सहायक आयुक्त डॉ आनंदजी सिंह, महिला बाल विकास विभाग अधिकारी बीएस ठाकुर, जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ आरएल गंगेश, DSP सोनिया उइके हैं। टीम हॉस्टल पहुंची और दिनभर यहां जांच कर छात्र की मौत के कारणों का पता करती रही। यहां हर स्पॉट को देखा जहां हादसे की संभावना थी। मृत छात्र के सभी सहपाठियों और हॉस्टल में रहने वाले हर एक बच्चे , हॉस्टल के अधीक्षक, शिक्षक सहित अन्य स्टाफ से पूछताछ की गई। पहले दिन की हुई जांच में यह बात सामने आई है कि इस तरह की घटना हॉस्टल में नहीं हुई है। अब जांच टीम पीएम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। इसके बाद परिजनों के भी बयान होंगे।
बड़ा भाई बोला- सिटी स्कैन में सिर पर चोट के निशान
अशोक के बड़े भाई अनिल कड़ती ने मीडिया को बताया कि, अशोक ने रविवार को रोते हुए कॉल किया कि तबीयत ठीक नहीं है। मैंने इसकी जानकारी अधीक्षक को दी। अधीक्षक उसे अस्पताल लेकर गए। फिर मुझसे कहा कि, अशोक को आप घर ले जाइए। मैं हॉस्टल जाकर भाई को गांव ले आया। सोमवार को तबीयत बिगड़ी तो बीजापुर जिला अस्पताल लेकर गए।
यहां से डॉक्टर ने जगदलपुर रेफर कर दिया। यहां सिटी स्कैन हुआ। डॉक्टर ने मुझे बुलाकर कहा कि सिर पर चोट के निशान क्यों हैं सच बताइए, हॉस्टल में पता करिए कि क्या हुआ था और रायपुर ले जाने को कहा। लेकिन इसके पहले भाई हमेशा के लिए छोड़कर चला गया। मैंने इस बारे में अधीक्षक को फोन कर पूछा। लेकिन अधीक्षक ने मेरे नंबर को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। मामले की जांच होनी चाहिए।
नक्सल हिंसा पीड़ित था अशोक
दरअसल, इस गुरुकुल में 75 नक्सल हिंसा पीड़ित बच्चे रहकर पढ़ाई करते हैं। अशोक भी नक्सल हिंसा पीड़ित छात्र था। जिसके परिजनों की हत्या नक्सली कर चुके हैं। अधीक्षक ओमेश्वर झाड़ी ने बताया कोरोनाकाल के बाद 25 अगस्त को वह हॉस्टल आया था। 26 सितम्बर को सर्दी, खासी की शिकायत पर अस्पताल ले जाकर जांच कराई गई थी। दवाएं दी गई थी। इसके बाद भाई आकर ले गए थे। इधर साथी छात्रों ने बताया कि, अगस्त में जब स्कूल और हॉस्टल खुले तो सभी आने लगे। जब से अशोक घर से आया था तब से वह बहुत शांत ही रहता था।
कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि, 5 सदस्यीय टीम बनाकर जांच की जा रही है। टीम ने सभी से पूछताछ की और बयान लिया है। छात्र के छत से गिरने की जो बात पता चली थी , लेकिन शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि हॉस्टल में ऐसी किसी तरह की घटना नहीं हुई है। 26 सितंबर को जब बच्चे की तबियत बिगड़ी तो अधीक्षक ने अस्पताल ले जाकर इलाज कराया था। सर्दी, खासी की शिकायत थी। इसके बाद बच्चे के परिजन उसे गांव लेकर गए। अभी मामले की जांच पूरी नहीं हुई है।
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