गर्मी के कारण गाइडलाइन, पालक चाहे तो पढ़ने के लिए बच्चों को भेज सकते हैं स्कूल

Update: 2022-04-10 09:23 GMT

सांकेतिक तस्वीर 

धमतरी। राज्य शासन के निर्देशानुसार कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों की 15 अप्रैल के बाद स्कूल में उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी। पालक चाहें तो अपने बच्चों को अध्यापन के लिए स्कूल भेज सकते हैं, किन्तु शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। कलेक्टर पी.एस. एल्मा ने राज्य शासन के इस निर्देश का ज़िले में सही तरीके से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी डॉ.रजनी नेल्सन को दिए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान शैक्षणिक सत्र 31 मार्च के स्थान पर बढ़ाकर अब 30 अप्रैल 2022 तक किया गया है। इसी तरह आगामी शैक्षणिक सत्र एक मई से 15 दिन के अतिरिक्त शैक्षणिक कार्य के लिए प्रारंभ करने के निर्देश हैं।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुपालन में प्रदेश में पहले से ही कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों को परीक्षा के आधार पर पिछली कक्षा में नहीं रोका जाता है। कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों को सामान्य रूप से वर्तमान शिक्षा सत्र में अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाता है। प्रदेश के सभी स्कूलों में बच्चों की अकादमिक उपलब्धियों का सतत् मूल्यांकन किया जाता है और उसके आधार पर सभी बच्चों को आवश्यक शिक्षा देने की व्यवस्था की जाती है। बताया गया है कि इस साल भी राज्य में कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों के लिए यही नीति लागू रहेगी।

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