GST विभाग के क्लर्क ने की 15 लाख की ठगी, फिर बेरोजगारों को दिए फर्जी नियुक्ति पत्र

छत्तीसगढ़

Update: 2021-11-19 06:35 GMT

बिलासपुर। GST कार्यालय में नौकरी लगाने का झांसा देकर रकम वसूली करने का मामला सामने आया। विभाग के ही क्लर्क ने आधा दर्जन बेरोजगार युवती व युवकों से ढाई से साढ़े तीन लाख रुपए वसूल लिया और उन्हें फर्जी नियुक्ति आदेश थमा दिया। नौकरी मिलने की आस में बेरोजगार युवक-युवती जब GST ऑफिस पहुंचे, तब उन्हें पता चला कि आदेश फर्जी है। फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करने का मामला सामने आने पर बेरोजगार युवक-युवती आरोपी क्लर्क विवेक के घर पहुंच गए। विवेक के घर जाकर उसके संबंध में जानकारी लेने पर उसके भाई वैभव ने विवेक के आने तक बेरोजगारों को इंतजार करने कहा। साथ ही सबके रुपए वापस कराने का भरोसा भी दिलाया। इस बीच बेरोजगार युवक-युवती एक सप्ताह तक उसका इंतजार करते रहे। लेकिन, विवेक वापस अपने घर ही नहीं आया।

मामला तब सामने आया जब सभी बेरोजगार नियुक्ति पत्र लेकर 11 नवंबर को GST कार्यालय पहुंचे। तब आदेश को देखकर अधिकारी-कर्मचारी भी हैरान रह गए। क्योंकि, कार्यालय से न तो नियुक्ति के संबंध में विज्ञापन जारी हुआ है और न हीं नियुक्ति आदेश जारी किया गया है। विभाग ने इस तरह का कोई विज्ञापन ही जारी नहीं किया है। अफसरों ने उन्हें बताया कि नियुक्ति पत्र फर्जी है। अफसरों ने उन्हें थाने में शिकायत करने की सलाह भी दी। तब उन्होंने सिविल लाइन थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई।

आरोपी क्लर्क विवेक शुक्ला ने कोटा के पड़ावपारा में रहने वाले हरि शंकर से तीन लाख, शुभम तिवारी से तीन लाख 68 हजार, अनिल कौशिक तीन लाख 50 हजार निवासी रमतला, मीनाक्षी तिवारी से दो लाख 50 हजार और मणि शंकर तिवारी से तीन लाख रुपए लिए हैं। रुपए के एवज में उन्हें फर्जी नियुक्ति आदेश पकड़ा दिया है।अमेरी के शांति नगर में रहने वाले आकाश गुप्ता से तीन लाख 50 हजार रुपए की मांग की। आकाश ने विवेक को दो किश्त में रुपए दे दिए। इस दौरान क्लर्क विवेक शुक्ला उसे लेकर रायपुर GST कार्यालय भी लेकर गया, जहां उससे फॉर्म वगैरह जमा कराया गया। रुपए देने के बाद 29 अक्टूबर को उसने नियुक्ति आदेश दिया और बिलासपुर कार्यालय में जॉइन करने का कह दिया। इस तरह से क्लर्क ने अन्य बेरोजगार युवक-युवतियों से भी रुपए वसूली कर उन्हें नियुक्ति आदेश दिया था।

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