जैसे तैसे बची तितली की जान, देखें वीडियो

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Update: 2022-12-28 03:16 GMT

रायपुर। प्रकृति की अजब-गजब दस्तूर है, सबसे बड़ी कमजोरी भूख है, हर जीव को अपनी उदरपूर्ति के लिए शिकार करना पड़ता है। इंसान तो मेहनत मशक्कत कर भोजन के लिए हाड़तोड़ मेहनत करता है, वैसे ही जीव जंतु भी भोजन के लिए संघर्ष करते हैं। कुदरत जब पत्थर के अंदर छुपे जीवों को भोजन मुहैया करा सकता है तो इन्हें तो हथियार रूपी टांगे और जाल दिया है जिसके सहारे वे शिकार कर पेट भरते हैं। हमारे पत्रकार ने ये वाक्या देखा और उसे कैमरे में कैद किया।

जनता के रिश्ता के राजनीतिक संपादक जाकिर घुरसेना ने एक पार्क में यह नजारा देखा। जहां तितली जीवन बचाने संघर्ष कर रही थी, दरअसल सफेद फूलों के बीच एक सफेद मकड़ी भी थी, जिसे देखने में धोखा खा गई और फूलों से पराग के रसास्वादन के लालच में जान से हाथ धो बैठी थी, लेकिन कहते हैं जिसे खुदा रखे, उसे कौन चखे, जाको राखे सांइया मार सके न कोय। जाकिर घुरसेना की नजर उस पर पड़ी और तितली को मकड़ी की चंगुल से छुड़ाकर नया जीवन दिया।


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