रायपुर। देश की नव निर्वाचित 15वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण के बाद राज्यपाल अनुसुइया उइके ने उनसे राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में मुलाकात की. साथ देश की प्रथम जनजातीय महिला राष्ट्रपति बनने पर शुभकामनाएं दी और सफलतम कार्यकाल की कामना की. राज्यपाल उइके ने राष्ट्रपति मुर्मू से देश और प्रदेश के जनजातियों की विभिन्न समस्याओं और अन्य समसामयिक विषयों के निराकरण के उपायों पर विस्तृत चर्चा की. राज्यपाल ने पेसा कानून के क्रियान्वयन के संबंध में राष्ट्रपति को अवगत कराते हुए कहा कि कई राज्यों में पेसा कानून के नियम नहीं बनाए गये हैं. जिसकी वजह से इस नियम का लाभ जनजातियों को नहीं मिल रहा है. उन्होंने पेसा कानून के अंतर्गत नियमों को बनाने और उन्हें लागू कराने का राष्ट्रपति से आग्रह किया. साथ ही पेसा कानून के समान नगरीय क्षेत्रों के लिए मेसा कानून का विधेयक जो कि संसद में लंबित है. उसे शीघ्र पारित कराने का भी आग्रह किया. मेसा कानून लागू होने से नगरीय क्षेत्रों में आरक्षण संबंधी नियम विधिवत लागू हो पाएंगे।
जिससे जनजातीय समुदाय को आरक्षण का वास्तविक लाभ मिल पाएगा. पूर्वांचल के चार जिले जो कि पहले जनजातीय जिलों में शामिल थे. उन्हें पृथक जिला बनाने पर जनजातीय जिला घोषित नहीं किया गया था. इस संबंध में भी हुई प्रगति से उन्होंने राष्ट्रपति को अवगत कराया. राज्यपाल उइके ने बताया कि छत्तीसगढ़ में जनजातियों की सूची में मात्रात्मक त्रुटि के कारण करीब 22 जनजातीय समुदायों को जाति प्रमाणपत्र मिलने में कठिनाई हो रही है और उन्हें उनके अधिकार नहीं मिल रहे हैं. इसका शीघ्र समाधान कराने का भी अनुरोध किया. राज्यपाल ने राष्ट्रपति मुर्मू को पुनः धन्यवाद देते हुए कहा कि आपके राष्ट्रपति बनने से जनजातीय समुदाय में एक उम्मीद जगी है कि अब उनके अधिकारों और हितों का संरक्षण सशक्तता से होगा. राज्यपाल ने संवैधानिक अधिकारों के क्रियान्वयन संबंधी विषयों को भी प्रमुखता के साथ राष्ट्रपति के समक्ष रखा.