सरकारी डॉक्टरों ने किया क्रिटिकल केस हैंडल, अब खुद से ही चलने-फिरने लगी महिला
पेंड्री। पेंड्री मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में अब ऐसे ऑपरेशन भी किए जा रहे हैं, जिसके लिए मरीजों को रायपुर, दुर्ग, भिलाई सहित अन्य राज्यों के अस्पताल तक दौड़ लगानी पड़ती थी। ऐसे ऑपरेशन के पीछे मरीजों को लाखों रुपए खर्च करने पड़ते थे। शारीरिक परेशानी के साथ आर्थिक रूप से समस्याओं से जूझना पड़ता था पर अब ऐसी दिक्कतें नहीं आ रहीं हैं। लोकल स्तर पर ही डॉक्टर क्रिटिकल केस हैंडल कर रहे हैं। गंभीर ऑपरेशन कर मरीजों की जान बचा रहे हैं।
एमसीएच के हड्डी रोग विभाग के डॉक्टरों ने हाल ही में रीड़ की हड्डी की परेशानी से जूझ रही महिला का सफल ऑपरेशन किया। महिला तीन माह से अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पा रही थी। कमर में इस कदर दर्द था कि महिला बेड से उठ नहीं पाती थी। हालांकि अब ऑपरेशन के बाद महिला खुद से चल, फिर रही है।
कमर में अब किसी तरह की परेशानी नहीं है। डॉक्टरों का कहना है कि प्राइवेट या फिर दूसरे अस्पताल में इस ऑपरेशन के पीछे चार से पांच लाख रुपए महिला के परिजनों को खर्च करने पड़ते पर सरकारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में सफल ऑपरेशन होने से गरीब परिवार को आर्थिक संकट से नहीं जूझना पड़ा।