बलरामपुर। रामानुजगंज के वनांचल क्षेत्रों में इस समय चारों तरफ महुआ की खुशबू बिखरने लगी है. पेड़ों से जमकर महुआ गिर रहा है. जिन्हें बीनने यहां रहने वाले लोग सुबह से निकल जाते हैं. पेड़ के नीचे गिरे महुआ को बीनने में लगभग पूरा परिवार लग जाता है. महुआ बीनने के बाद इन्हें सुखाया जाता है फिर बाजार में बेचा जाता है.
ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सभी मिलकर महुआ बीनते हैं. सुबह से ही टोकरी लेकर जंगल की ओर महुआ बीनने ये ग्रामीण निकल पड़ते हैं. ये सभी दोपहर तक महुआ बीनते हैं. इन दिनों ग्रामीणों में ज्यादा महुआ बीनने की होड़ मची हुई है. रामानुजगंज के जंगलों में महुआ अधिक मात्रा में पाया जाता है. वनांचल क्षेत्रों में महुआ ग्रामीणों के जीविकोपार्जन का बड़ा जरिया है. इस क्षेत्र के लोग महुआ बेचकर अपनी छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा करते हैं. छत्तीसगढ़ सरकार भी लघु वनोपज खरीदी के अंतर्गत महुआ फूल और बीज की खरीदी करती है.