राजनांदगांव. भोड़िया गांव की एक युवती आवास के लिए दर-दर की भटक रही है. मां-बाप के देहांत के बाद दो बहनें एक दूसरे के लिए सहारा थीं, लेकिन बड़ी बहन की शादी हो गई. इस बीच उसके घर की स्थिति काफी जर्जर गई. इसके चलते उसे चार साल ग्राम भोड़िया के आंगनबाड़ी भवन में गुजारना पड़ा. लेकिन अब आंगनबाड़ी भवन के स्थान पर दूसरे भवन बनाने से वह छत भी उससे छिन गई. वह अब किराए के मकान में रहने को मजबूर है.
राजनांदगांव के ग्राम भोड़िया के लीलू राम साहू की दो बेटियां है. मां-बाप का साया सिर से उठने के बाद एकमात्र मकान ही उनका सहारा था. लेकिन वक्त के साथ मकान धीरे धीरे जर्जर हो गया. इस बीच बड़ी बहन रूपाली की शादी कर दी गई. कुछ दिनों बाद छोटी बेटी खुशबू को जर्जर मकान छोड़कर गांव के आंगनबाड़ी भवन में पनाह लेनी पड़ी. आंगनबाड़ी भवन में 4 साल गुजार दिए. लेकिन समाज को यह भी नागवार गुजरा और गांववालों ने आंगनबाड़ी भवन की जगह पर मंगल भवन बनवाने का फैसला कर लिया.
वर्तमान में खुशबू अपने गांव से 3 किलोमीटर दूर हल्दी गांव में किराए के मकान में रहने को मजबूर है. एक बच्ची की यह हालत देखकर कुछ लोगों ने उसे आवास दिलाने कलेक्टर से लेकर जनप्रतिनिधियों तक मदद की गुहार लगाई. लेकिन कई बार आवेदन और ज्ञापन सौंपे जाने पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई. कार्यालयों में उन्हें आश्वासन तो मिलता, लेकिन शासन और प्रशासन की ओर से कोई भी मदद अब तक नहीं मिली.