छत्तीसगढ़। जिला बलरामपुर के ग्राम अलगडीहा, पोस्ट व थाना बलरामपुर निवासी एक 16 वर्षीय नाबालिग बालिका का बाल विवाह उसके माता-पिता के द्वारा अन्य राज्य (झारखण्ड) में कराया जा रहा था। बालिका के माता-पिता द्वारा बालिका के विवाह 26 जून 2021 को तय किया गया था, जिससे बालिका असहमत थी। बालिका 18 जून 2021 को अपने घर से बिना किसी को बताए थाना बलरामपुर पहुॅंची तथा थाने में आकर अपने बाल विवाह के संबंध में जानकारी दी। जिस पर बलरामपुर थाना प्रभारी द्वारा बालिका को बाल कल्याण समिति जिला बलरामपुर में प्रस्तुत किया गया ।
बाल कल्याण समिति जिला बलरामपुर में बालिका का काउंसलिंग कराया गया काउंसलिंग के दौरान बालिका के द्वारा बताया गया कि उसकी जन्मतिथि 15 जूलाई 2004 है, वह कक्षा 8 वीं तक पढ़ाई कऱ चुकी है तथा आगे की पढ़ाई करना चाहती। बालिका के माता-पिता उसका विवाह अन्य राज्य (झारखण्ड) में तय कर चुके थे, बालिका विवाह हेतु सहतम नहीं थी, बालिका के परिजन जबरन उसका विवाह कराना चाह रहे था। बालिका विवाह हेतु तय के पूर्व दिनांक 18 जून 2021 को सुबह 07 बजे अपने घर से बिना किसी को बताए बलरामपुर थाने में आकर सारी जानकारी दी।
बाल कल्याण समिति द्वारा बालिका के माता-पिता को कार्यालय में बुलाकर बाल विवाह के संबंध में समझाईश दिया गया तथा इससे होने वाले नुकसान को बताया गया। जिस पर बालिका के माता-पिता द्वारा विवाह हेतु निर्धारित आयु पूर्ण होने पर ही विवाह करने हेतु राजी हुए इसके उपरांत बालिका को उसके माता-पिता के सुपुर्द किया गया तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों तथा बाल कल्याण समिति के सदस्यों द्वारा बालिका के द्वारा उठाए गए साहसिक कदम की सराहना करते हुए बालिका की प्रसंशा की गई और जिलावासियों से अपील की गई कि बाल विवाह अपराध है, जिले में कहीं भी बाल विवाह की जानकारी मिले तो तत्काल टोल फ्री नं. 1098 में सूचित करें अथवा नजदीकी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, परियोजना अधिकारी (महिला एवं बाल विकास विभाग) या संबंधित थाने में सूचना देवें ।