घर का भेदी लंका ढाये: निलंबित एडीजी जीपी सिंह को बचाने में जुटे कुछ नेता और विभागीय अधिकारी
पुलिस को अब तक नहीं मिले सुराग
रायपुर (जसेरि)। राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति के मामले में फरार चल रहे निलंबित एडीजी जीपी सिंह का पुलिस अब तक पता नहीं लगा सकी है। पुलिस उसकी तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है। वहीं ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि कांग्रेस के कुछ नेता और विभाग के ही अधिकारी निलंबित एडीजी को बचाने में लगे हैं। सूत्रों से जानकारी मिली है कि जीपी सिंह को यूपी में किसी सुरक्षित ठिकाने पर पनाह दी गई है। आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह जैसे मामलों में फंसे निलंबित एडीजी जीपी सिंह के खिलाफ पुराने मामलों में की गई तीन अलग-अलग शिकायतों पर जांच अभी तक शुरू नहीं हो पाई है, जांच अधिकारियों ने संबंधित मामलों में पीडि़तों का बयान भी नहीं लिया है। जबकि पीडि़तों के बयान के आधार पर ही आगे कार्रवाई होनी है। वहीं, पुलिस को अभी तक जीपी सिंह का कोई सुराग भी नहीं मिला है। उल्लेखनीय है कि जीपी सिंह के खिलाफ तीन अलग-अलग शिकायतों पर जांच के आदेश दिए गए है। वरिष्ठ आईपीएस अफसरों को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। रायपुर के देवेंद्र नगर निवासी एक युवक की शिकायत की जांच स्पेश्ल डीजी अशोक जुनेजा कर रहे है। इस मामले में युवक ने रायपुर के पूर्व आईजी जीपी सिंह के साथ-साथ तत्कालीन एसपी व एक डीएसपी के खिलाफ शिकायत की है।
दूसरी शिकायत की जांच का जिम्मा रायपुर आईजी डॉ. आनंद छाबड़ा को सौंपा गया है। मंजीत कौर बल की शिकायत पर यह जांच हो रही है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि गंभीर मामलों में आरोपी कमलकांत तिवारी को जीपी सिंह ने बचाने की कोशिश की थी। इसी तरह एक अन्य शिकायत में व्यवसायियों से नक्सलियों की रकम वसूल कर गबन का आरोप लगाया गया है। इसकी जांच दुर्ग आईजी विवेकानंद कर रहे है।