गरियाबंद: पैरी परियोजना में निर्माणाधीन संरचनाओं से सिंचाई प्रतिशत 34 से बढ़कर होगी 47 प्रतिशत
रायपुर। प्रदेश के गरियाबंद जिले की जीवनदायिनी पैरी नदी के नाम पर पैरी परियोजना इस जिले के किसानों की रीढ़ है। इस नदी से सैकड़ों गांव की भूमि उर्वरा हो रही है और किसान समृद्धि की ओर अग्रसर है। इस नदी में सिकासार जलाशय के नाम से वृहद परियोजना है। साथ ही कुकदा पिकअप वियर भी निर्मित है। इसके अतिरिक्त 85 लघु सिंचाई योजनाएं और 31 निर्माणाधीन योजनाओं से जिले की सिंचाई प्रतिशत में 13 प्रतिशत वृद्धि होगी अर्थात वर्तमान सिंचाई क्षमता 34 प्रतिशत से बढ़कर 47 प्रतिशत हो जायेगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप अंचल में सिंचाई क्षमता को बढ़ाने के लिए वर्तमान में 31 निर्माणाधीन योजनाओं को पूरा करने और अन्य प्रस्तावित योजनाओं की स्वीकृति से भविष्य में 17 प्रतिशत सिंचाई में वृद्धि हो सकेगी।
जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता पी.के. आनंद ने बताया कि पैरी परियोजना, जिला गरियाबंद की एक वृहद परियोजना है, जिसके अंतर्गत एक वृहद सिकासार जलाशय निर्मित है। इस जलाशय का निर्माण वर्ष 1977 में पूर्ण हुआ है। तथा परियोजना 1999 में पूर्ण हुई है। सिकासार जलाशय की उपयोगी जल भराव क्षमता 198.88 मी. क्यूबिक मी. है। सिकासार जलाशय में जल विद्युत ताप गृह भी निर्मित है, जिसकी कुल 02 यूनिट से 2ग3ण्5 मेगावाट की विद्युत उत्पादन क्षमता है।
इस परियोजना अंतर्गत पैरी नदी पर कुकदा पिकअप वियर भी निर्मित है, जो कि गरियाबंद जिला मुख्यालय से 25 कि.मी. दूरी पर गरियाबंद-रायपुर मार्ग पर ग्राम पोंड़ के समीप स्थित है। सिकासार जलाशय से सिंचाई हेतु प्रवाहित जल पैरी नदी पर लगभग 60 कि.मी. की दूरी तय करते हुए कुकदा पिकअप वियर तक पहुॅचती है, जिससे सिंचाई हेतु दांयी मुख्य नहर से जिला गरियाबंद एवं बांयी मुख्य नहर से जिला धमतरी में सिंचाई हेतु जल प्रदाय किया जाता है। पैरी परियोजना की रूपांकित एवं निर्मित सिंचाई क्षमता जिला गरियाबंद अंतर्गत 27 हजार 495 हेक्टेयर खरीफ हेतु एवं 23 हजार 472 हेक्टेयर रबी हेतु अर्थात कुल 50 हजार 967 हेक्टेयर है, जिससे 101 ग्रामों के कृषक लाभान्वित होते है। इसके अलावा धमतरी जिला अंतर्गत 12 हजार 246 हेक्टेयर खरीफ एवं 10 हजार 523 हेक्टेयर रबी, कुल 22 हजार 669 हेक्टेयर है, जिससे 49 ग्रामों के कृषक लाभान्वित होते हे। इस प्रकार इस परियोजना से कुल खरीफ 39741 हेक्टेयर एवं रबी 33 हजार 995 हेक्टेयर, कुल 73 हजार 736 हेक्टेयर, कुल रूपांकित एवं निर्मित सिंचाई क्षमता है। इस प्रकार कुल 150 ग्राम के कृषक, पैरी परियोजना से लाभान्वित हो रहे है।
आनंद ने बताया कि इसके अतिरिक्त 85 लघु सिंचाई योजनाएॅ निर्मित सिंचाई रूपांकित सिंचाई क्षमता 20 हजार 882 हेक्टेयर है। इस तरह वर्तमान में कुल 86 योजनाएॅ से जिले की सिंचाई क्षमता खरीफ 48 हजार 377 हेक्टेयर का प्रतिशत 34 प्रतिशत है। जिले में 31 निर्माणाधीन योजनाओं से खरीफ 18 हजार 565 हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता वृद्धि होगी जिससे की जिले की सिंचाई प्रतिशत 13 प्रतिशत की वृद्धि होगी एवं विभाग द्वारा अन्य प्रस्तावित योजनाओं से लगभग 5847 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता में वृद्धि होगी जिससे जिले की सिंचाई प्रतिशत में 4 प्रतिशत अतिरिक्त वृद्धि होगी। इस तरह निर्माणाधीन एवं प्रस्तावित योजनाएॅ के निर्माण से जिले में सिंचाई प्रतिशत 34 प्रतिशत से बढ़कर 51 प्रतिशत प्रतिशत हो जायेगा।