गरियाबंद : मत्स्य पालन से आर्थिक स्तर में आई सुधार

Update: 2021-10-04 12:58 GMT

रायपुर। गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर विकासखण्ड के कृषक बालचंद साहू ने मत्स्य पालन कर अपने आर्थिक स्तर को सुधारने में सफलता पाई है। श्री बालचंद पहले अपने पुस्तैनी 18 एकड़ की जमीन में धान फसल की पैदावारी ले रहा था। जिसमें लागत के मुताबिक आमदनी हासिल नहीं हो रही थी। ऐसी स्थिति में बालचंद ने खेती के अलावा अतिरिक्त आमदनी हेतु मत्स्य पालन गतिविधियों का अवलोकन कर इससे प्रोत्साहित होकर उन्होंने अपने एक हेक्टेयर जमीन में तालाब का निर्माण कराया और मत्स्य विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन में मछली पालन का कार्य प्रारंभ किया। मत्स्य पालन विभाग द्वारा उन्हें वर्ष 2019-20 में राष्ट्रीय कृषक विकास योजना अंतर्गत 40 प्रतिशत की दर से अनुदान राशि 2.80 लाख रूपये स्वीकृत किया गया। उक्त राशि से उन्होंने स्वयं के तालाब में मत्स्य पालन का विस्तार किया गया। अक्टूबर 2020 में उन्होंने 50 टन मत्स्य उत्पादन कर बाजारों में बिक्री कर अच्छी आमदनी अर्जित की। आमदनी के अच्छी जरिया मिलने से बालचंद ने अपने कृषि भूमि में एक हेक्टेयर का एक और तालाब बनवाया। तालाब में मछली पालन के अलावा तालाब के मेढ़ में उद्यानिकी एवं दलहन फसलों की पैदावारी के साथ कटहल, पपीता, नींबू पौधा रोपित कर इसे भी अपने आमदनी का जरिया बनाया। राज्य सरकार द्वारा मत्स्य पालन को खेती का दर्जा दिये जाने पर बालचंद प्रसंचित भाव से इसे सही फैसला मानते हुए सरकार की इस फैसला में कदम से कदम मिलाने तत्पर है। बालचंद ने बताया कि मछली पालन कार्य करने से मेरे साथ-साथ इस कार्य में जुड़े अन्य लोगों की भी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। उन्होंने बताया कि मत्स्य पालन कार्य में 5 मजदूर नियमित कार्यरत है। साथ ही पास-पड़ोस के 50 व्यक्ति रोज उनके फार्म से 25 से 50 किलों मछली खरीदकर गांवों में विक्रय कर आमदनी अर्जित कर रहे है। श्री बालचंद मत्स्य पालन व्यवसाय से उत्साहित होकर अब हेचरी निर्माण की ओर अग्रसर है।

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