गरियाबंद : चरवाहों के परम्परागत मेहताना के साथ अतिरिक्त लाभ दिलाने का हर संभव प्रयास

Update: 2022-07-27 09:32 GMT

गरियाबंद। जिले में गोधन न्याय योजना के तहत चरवाहों को प्रोत्साहित करने के लिए उनके परम्परागत मेहताना के साथ अतिरिक्त लाभ दिलाने का हर संभव उपाय किये जा रहे हैं। जिससे पशुओं के चरवाहा को परम्परागत रूप से मिलने वाली मेहताना के साथ-साथ अतिरिक्त लाभ भी मिलने लगेगा। उप संचालक कृषि संदीप भोई ने अवगत कराया है कि किसी भी योजना के तहत वर्तमान में शासन स्तर से चरवाहों को मानदेय दिये जाने की व्यवस्था नहीं की गई है।

किन्तु गांव में पूर्व से चली आ रही परम्परा अनुसार पशुपालक एवं चरवाहा के आपसी सहमति से पशु संख्या के आधार पर मानदेय का भुगतान ग्रामीणों द्वारा किया जाता है। विगत दिवस जिला प्रशासन द्वारा आयोजित गोधन न्याय योजना की समीक्षा बैठक में जिले के चरवाहों को प्रोत्साहित करने के लिए गौठान प्रबंधन हेतु जारी राशि से अथवा गौठान समिति के लाभांश राशि से चरवाहों को निश्चित मानदेय दिये जाने के संबंध में पहल की गई है। राज्य सरकार द्वारा चरवाहा/ गोबर संकलित करने वाले से भी सीधे गोबर क्रय करने हेतु गोधन न्याय योजना में पंजीयन कराने की कार्यवाही की जा रही है। जिला प्रशासन द्वारा गौठानों में पशुधन से प्राप्त गोबर को गौठान समिति एवं चरवाहों की आपसी सहमति से एक निश्चित अनुपात में गोबर का हिस्सा विक्रय करने हेतु आवश्यक पहल करने के निर्देश दिये गये हैं। इस प्रकार जिले में गोधन न्याय योजना के तहत चरवाहों को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव उपाय किये जा रहे हैं। ताकि चरवाहा को परम्परागत रूप से मिलने वाली मेहताना के साथ अतिरिक्त लाभ मिल सके।

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