अंबिकापुर। कलेक्टर कुंदन कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को शांति-समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में आगामी 31 अगस्त गणेश चतुर्थी शुरू हो रहे गणेश उत्सव भाईचारा शांति एवं हर्षाल्लास से मनाने का निर्णय लिया गया तथा पण्डालों एवं यातायात की सुव्यवस्था हेतु महत्वपूर्ण सुझाव समिति की ओर से दिए गए।
बैठक में प्रशासन द्वारा जारी 14 बिन्दुओं की जानकारी देते हुए बताया गया कि गणेश पूजा के दौरान प्रतिमाओं की ऊंचाई अधिकतम 5 फिट तक रखा जाएगा। साउण्ड सिस्टम या डी.जे. मानक डेसीबल के अनुसार बजाया जाएगा। घातक अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। रात्रि 10ः00 बजे से अगले दिवस के प्रातः 06ः00 बजे तक साउण्ड सिस्टम या डी.जे. बजाया जाना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। स्थापित किये जाने वाले मंडप या पंडालों में सीसीटीवी कैमरा लगवाया जाना अनिवार्य होगा। यातायात व्यवस्था हेतु आयोजन समिति द्वारा पर्याप्त संख्या में कार्यकर्ताओं (वॉलंटियर) की नियुक्ति किया जायेगा। किसी भी धर्म को आहत करने वाले व अश्लील गानों को बजाया जाना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। आयोजन समिति द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि गणेश पूजा एवं विसर्जन में नशा किया हुआ व्यक्ति किसी भी हालत में शामिल न हो। गणेश पूजा हेतु स्थापित किये जाने वाले मंडप या पंडालों को बिजली के तारों से पर्याप्त दूरी पर स्थापित किया जाएगा। गणेश पूजा के दौरान महिलाओं से अभद्र व्यवहार न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। प्राकृतिक मानव जनित आपदा की स्थिति उत्पन्न होने पर इससे निपटने हेतु मंडप या पंडालों के दृष्य भाग में आपातकालीन नंबरों फ्लेक्स या डिस्पले बोर्ड के माध्यम से अनिवार्यतः प्रदर्शित किया जाये। मंडप या पंडालों में श्रद्धालुओं के प्रवेश एवं निर्गम हेतु पृथक-पृथक द्वार की व्यवस्था किया जाएगा। गणेश प्रतिमाओं के स्थापना स्थल का विस्तृत प्लान एवं विसर्जन के दौरान रूट प्लान पूर्व से गणेश प्रतिमाओं के आयोजन स्थल पर अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था रखी जाएगी।
कलेक्टर कुन्दन कुमार ने कहा कि गणेश उत्सव सभी मिलकर शांति एवं सौहार्द्रपूर्ण माहौल में मनाया जाएगा। इस दौरान आयोजन में कोई अप्रिय घटना न हो इसकी जिम्मेदारी हर पंडाल समिति को रखना होगा। जिला प्रशासन गणेश उत्सव के दौरान पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध कराने का पूरा प्रयास करेगा। उन्होंने गणेश विसर्जन वाले मार्गों की मरम्मत व बिजली व्यवस्था दुरुस्त रखने हेतु विभागों को निर्देशित किया। इसके साथ ही पंडालों में किसी भी प्रकार की शिकायत के लिए संयुक्त नियंत्रण कक्ष बनाने के भी निर्देश दिए जिसमें राजस्व, नगर निगम व पुलिस के अमले तैनात रहेंगे। इस कक्ष के लिए एक टेलीफोन नंबर भी जारी होगा जो 31 अगस्त से 10 सितंबर तक सक्रिय रहेगा।
पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने कहा कि सभी आयोजन समिति जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए 14 बिंदुओं को पालन सुनिश्चित करें। सभी समितियां मूर्ति स्थापना की जानकारी पुलिस के अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएं। संयुक्त टीम पंडालों का लगातार जांच करेगी। उन्होंने कहा कि आयोजन समिति पंडाल के पास यातायात व वाहन नियंत्रण के लिए पूरी व्यवस्था रखें।
सात स्थानों पर होगा विसर्जन- बैठक में बताया गया कि मूर्ति विसर्जन शिवधारी तालाब, बिशुनपुर तालाब, महामाया तालाब, शंकरघाट, मौली बांध, बौरी तालाब तथा घुनघुट्टा नदी में मूर्ति विसर्जन हेतु व्यापक व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी। इन स्थानों पर गोताखोर, क्रेन तथा बिजली की पर्याप्त व्यवस्था रहेगी। पंडाल समिति को विसर्जन से पूर्व पुलिस को सूचित करना होगा की कौन से तालाब में उनके द्वारा मूर्ति विसर्जन किया जाएगा। 10 अगस्त को घड़ी चौक में मूर्ति विसर्जन के पूर्व झांकी भी निकाली जाएगी जिसमें सर्वश्रेष्ट 3 झांकियों को पुरस्कृत किया जाएगा। इसके साथ ही जिला प्रशासन के द्वारा भी बेहतर पंडाल भीड़ नियंत्रण एवं यातायात व्यवस्था के साथ ही सुचारू आयोजन करने वाले 3 सर्वश्रेष्ठ आयोजन समिति को पुरस्कृत किया जाएगा।बताया गया कि इस बार करीब 20 बड़े एवं 100 छोटे पंडालों में गणेश की मूर्ति स्थापित की जाएगी।
बैठक में बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष श्री अजय अग्रवाल ने कहा कि विसर्जन के दिन बड़ी संख्या में मूर्तियां वाहनों में निकलती हैं। इस दौरान यातायात व्यवस्था को ध्याने देने की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि पंडालों में स्वयं सेवकों से वाहन पार्किंग आदि की व्यवस्था करना होगा। महापौर डॉ अजय तिर्की ने कहा कि चिन्हांकित विसर्जन तालाबों के नजदीकी अस्पताल को अलर्ट रखना होगा तथा ईलाज की तैयारी भी रखनी होगी ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल उपचार हो सके।