राजनांदगांव। जिले के डोंगरगढ़ में आयोजित नवरात्र मेला में निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध रहेंगी। मां बम्लेश्वरी के दर्शनार्थी श्रद्धालुओं के लिए रास्ते भर कई स्थानों पर मेडिकल किट, ओआरएस व ग्लूकोज के साथ ही विभिन्न आवश्यक चिकित्सा व्यवस्था की जाएगी। इस आशय का निर्णय कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया है।
डोंगरगढ़ में पहाड़ी पर स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर में 2 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि पर्व शुरू होगा। तापमान में लगातार हो रही वृद्धि को ध्यान में रखते हुए मेले के सुचारू संचालन के लिए कलेक्टोरेट सभाकक्ष में संबंधित विभाग के अधिकारियों की लगातार बैठकें आयोजित की जा रही हैं। इसके अंतर्गत मां बम्लेश्वरी के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने एवं मेले के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रहीं हैं।
बीएमओ डोंगरगढ़ डॉ. बेनेडिक्टा एक्का ने बतायाः मां बम्लेश्वरी मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था के प्रमुख केन्द्रों में से एक है। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण शामिल होते हैं। कोरोना संक्रमण काल के दौरान दो साल तक डोंगरगढ़ में नवरात्र के दौरान उत्सव नहीं मनाया गया था। लेकिन, इसके बाद यह पहला अवसर है जब मंदिर प्रांगण में नौ दिनों का उत्सव मनाया जा रहा है। नवरात्रि पर्व के दौरान माता की आराधना के साथ ही भव्य मेला भी लगाया जा रहा है, जिसमें लाखों लोग शामिल होंगे।
डोंगरगढ़ आने वाले श्रद्धालुओं एवं पदयात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े, इसके लिए यथासंभव उपाय एवं व्यवस्थाएं की जा रही हैं। गर्मी के मद्देनजर प्रमुख मार्गों के साथ ही सभी चिन्हांकित स्थलों में विशेष व्यवस्था की गई है। चिकित्सा सुविधा के लिए मेला स्थल पर चार व पदयात्रा मार्ग पर 23 पाइंट बनाए गए हैं। प्रत्येक पाइंट पर तीन शिफ्ट में मेडिकल स्टॉफ की ड्यूटी लगाई जाएगी।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरी ने बतायाः नवरात्रि पर्व के लिए कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा यथासंभव आवश्यक चिकित्सा व्यवस्था की जा रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए छायादार पंडाल व पेयजल सहित मेडिकल किटए ओआरएस, ग्लूकोज व अन्य आवश्यक चिकित्सा व्यवस्था अनिवार्य रूप से रखने के लिए कहा गया है। आगजनी या अन्य आकस्मिक दुर्घटना जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 24 घंटे सेवा हेतु व्यापक व्यवस्था की गई है। इसके अलावा आवश्यक होने पर पदयात्रा मार्ग में चिकित्सा कर्मचारियों की संख्या और बढ़ाई जाएगी।