रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार किडनी रोगियों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं निःशुल्क प्रदान कर रही है। राज्य के बीपीएल राशन कार्डधारकों को 5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराने के लिए डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना पहले ही शुरू की जा चुकी है। अब राज्य सरकार किडनी रोगियों के लिए मुफ्त डायलिसिस की सुविधा भी प्रदान कर रही है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राष्ट्रीय नि:शुल्क डायलिसिस कार्यक्रम में राज्य के आठ जिला अस्पतालों में 'जीवन धारा' नाम से नि:शुल्क डायलिसिस की सुविधा दी जा रही है। किडनी की बीमारी से पीड़ित मरीजों को लंबे समय तक बार-बार डायलिसिस से गुजरना पड़ता है। इससे उन पर भारी बोझ पड़ता है। लेकिन अब स्थानीय स्तर पर उपलब्ध इस मुफ्त डायलिसिस सुविधा से किडनी के मरीजों को इलाज के लिए दूर-दूर तक नहीं जाना पड़ेगा। इस सुविधा से उनके समय, प्रयास और धन की भी बचत होगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा छत्तीसगढ़ के आठ जिलों दुर्ग, कांकेर, कोरबा, बिलासपुर, जशपुर, सरगुजा, महासमुंद और बीजापुर में नि:शुल्क डायलिसिस की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके लिए जशपुर, दुर्ग और कांकेर जिलों में पांच-पांच, अंबिकापुर और महासमुंद में चार-चार, कोरबा में छह, बीजापुर में तीन और बिलासपुर में चार (सीआइएमएस मेडिकल कॉलेज में तीन और बिलासपुर कोविड अस्पताल में एक) मशीनें लगाई गई हैं. कुल 36 मशीनें लगाई गई हैं।
राष्ट्रीय नि:शुल्क डायलिसिस कार्यक्रम के तहत अब तक आठ जिला अस्पतालों में कुल 23 हजार 129 डायलिसिस सत्र आयोजित किए जा चुके हैं। इनमें से दुर्ग जिले में 4885 सत्र, कोरबा में 4872 सत्र, कांकेर में 4230 सत्र, बिलासपुर में 3504 सत्र, महासमुंद में 2631 सत्र, सरगुजा में 1390 सत्र, बीजापुर में 942 सत्र और जशपुर में 675 सत्र हुए हैं।
निजी अस्पताल में एक बार की डायलिसिस का खर्च 700 रुपये से 1200 रुपये, राज्य सरकार मुफ्त इलाज मुहैया कराती है। निजी अस्पतालों में एक बार की डायलिसिस पर 700 रुपये से 1200 रुपये का खर्च आता है, जबकि यह सुविधा राज्य सरकार की ओर से मुफ्त दी जा रही है. जिला अस्पतालों में नि:शुल्क डायलिसिस सुविधा उपलब्ध होने से दूर-दराज के लोगों को डायलिसिस के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। यह सुविधा उनके समय, प्रयास और धन की बचत कर रही है।