सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच से 40 लाख रुपए की धोखाधड़़ी, गिरफ्त में ठगी का आरोपी बैंक एजेंट
छत्तीसगढ़
सूरजपुर: सूरजपुर के महगवां सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच से खाताधारकों से 40 लाख रुपए की धोखाधड़़ी के आरोप में पुलिस ने सेंट्रल बैंक के कमिशन एजेंट को गिरफ्तार किया है। बैंक में पैसा जमा कराने पहुंचने वाले लोगों का फॉर्म और पैसा लेकर कमिशन एजेंट बैंक की सील लगाकर पावती दे देता था। उसने ग्राहकों के खाते में पैसे जमा नहीं किए।
जानकारी के मुताबिक, दिसंबर 2023 में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की महगंवा शाखा में पैसा निकालने पहुंचे लोगों को अपने खाते में जमा कराई गई रकम नहीं मिली तो उन्होंने शिकायत बैंक प्रबंधक से की। ग्राहकों ने जमा पर्ची भी दिखाई। मामले की शिकायत सेंट्रल बैंक के अधिवक्ता धनंजय मिश्रा ने सूरजपुर थाने में दर्ज कराई थी।
सेंट्रल बैंक के खाताधारकों द्वारा बैंक को दी गई जमापर्ची का निरीक्षण करने पर उसमें बैंक के कमिशन एजेंट अभिषेक प्रताप सिंह के हस्ताक्षर मिले। जांच में पता चला कि खाताधारकों के बैंक पहुंचने पर उनसे बतौर कमिशन एजेंट कार्य करने वाला अभिषेक प्रताप सिंह पैसे एवं फार्म ले लेता था एवं बैंक की सील लगाकर एवं हस्ताक्षर कर पर्ची वापस कर देता था।
बैंक का कर्मचारी नहीं होने के बावजूद अभिषेक प्रताप सिंह द्वारा शिकायतकर्ताओ से राशि ली गई एवं पैसे खाताधारकों के खाते में जमा नहीं कराए गए। रिपोर्ट पर सूरजपुर पुलिस ने धारा 420 के तहत अपराध दर्ज किया था।
मामला सामने आने के बाद अभिषेक प्रताप सिंह निवासी ग्राम खोंड़ लापता हो गया था। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार किया। जांच के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468, 471 के तहत कार्रवाई करते हुए उसे कोर्ट में पेश किया। कोर्ट से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।
मामले में अब तक करीब तीन दर्जन खातेदारों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है। इसमें करीब 40 लाख रुपये की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है। सूरजपुर थाना प्रभारी विमलेश दुबे ने बताया कि और शिकायतकर्ता सामने आ सकते हैं एवं रकम 50 लाख रुपये तक हो सकती है।
मामले में सेंट्रल बैंक ने यह बताते हुए पल्ला झाड़ लिया है कि बैंक के खाते में पैसे जमा नहीं हुए हैं, इस कारण बैंक की जवाबदेही नहीं है। खाताधारकों के अनुसार आरोपी अभिषेक प्रताप सिंह बैंक शाखा में उपस्थित रहता था, जिसके कारण उन्होंने उसे पैसे दिए।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि अभिषेक प्रताप सिंह ने बैंक ग्राहकां से जो रकम मिला, उस रकम से गांव में अपने पिता के नाम से जमीन खरीदा है। मकान-दुकान बनवाया है तथा चाचा के नाम से महेन्द्रा ट्रेक्टर खरीदर गया है। आरोपी की निशानदेही पर बैंक का सील, जमीन क्रय करने संबंधी दस्तावेज एवं महेन्द्रा ट्रेक्टर को जब्त किया गया।
पुलिस ने जमीनों एवं मकान का जब्तीनामा बनाया है। अब तक कुल जब्ती की अनुमानित कीमत 20.57 लाख रुपये बताई गई है। पुलिस इस संपत्ति को कुर्क कर पीड़ितों को राशि लौटाने के लिए कोर्ट जाएगी। कार्रवाई में थाना प्रभारी सूरजपुर विमलेश दुबे, एसआई संदीप कौशिक, पियुष चन्द्राकर, प्रधान आरक्षक विवेकानंद सिंह, इसित बेहरा की टीम सक्रिय रही।