छत्तीसगढ़ में ठगी, राजस्थान में पकड़े गए दो फ्रॉड

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Update: 2024-12-07 02:09 GMT

राजस्थान। अलवर में छत्तीसगढ़ पुलिस की एंटी क्राइम यूनिट ने ठगी के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी से 54 लाख 30 हजार रुपये की ठगी कर ली. छत्तीसगढ़ पुलिस ने अलवर पुलिस की मदद से आरोपियों को पकड़ा है. जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के रहने वाले रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी जय सिंह चंदेल से साइबर ठगों ने संपर्क किया और मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने का डर दिखाया था. बिलासपुर के एंटी क्राइम यूनिट के इंस्पेक्टर विजय चौधरी ने बताया कि जुलाई में रिटायर्ड कर्मचारी जय सिंह चंदेल से धोखाधड़ी का मामला सामने आया था.

साइबर ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देते हुए जय सिंह से 54 लाख 30 हजार ठग लिए. ठगों ने जय सिंह से कहा कि तुम्हारा मोबाइल नंबर व आधार कार्ड मनी लॉन्ड्रिंग के साथ अन्य गतिविधियों में शामिल है. आरोपियों ने पीड़ित को एक फर्जी एफआईआर भी भेजी थी, जिसकी वजह से पीड़ित डर गया और करीब 10 से 15 दिन तक उनके खाते से अलग-अलग ट्रांजेक्शन कर 54 लाख 30 हजार रुपये ठग लिए.

पीड़ित को जब इस बात का एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हुई है तो मामले की शिकायत पुलिस से की. इस मामले में तीन आरोपी पहले गिरफ्तार हो चुके हैं. उनसे पूछताछ के आधार पर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके खातों में करीब 8 से 10 लाख रुपये की राशि जमा हुई थी. अभी इनसे पूछताछ की जा रही है. उसके तुरंत बाद इन दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा. छत्तीसगढ़ पुलिस का कहना है कि राजस्थान पुलिस की मदद से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. न्यायालय में पेश करने के बाद दोनों आरोपियों को छत्तीसगढ़ ले जाया जाएगा. गिरफ्तार आरोपियों में एक का नाम निकुंज पुत्र ताराचन्द और लक्ष्य सैनी पुत्र बाबूलाल सैनी है. पुलिस ने बताया कि पहले गिरफ्तार आरोपी भरतपुर व अलवर क्षेत्र के रहने वाले थे. मेवात में बैठे बदमाश पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश सहित देश के विभिन्न शहरों में लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं.


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