छुरा। वन परिक्षेत्र छुरा अंतर्गत मुख़बीर से प्राप्त सूचना के आधार पर चरौदा परिसर के जंगल में गश्त करते दौरान लगभग रात्रि 10:00 बजे वन कक्ष क्रमांक 185 आरक्षित वन क्षेत्र में छान – बीन एवं गश्त करते हुये जंगल के भीतर गये जहां पर मध्य जंगल में कुछ लोगों की आहट सुनाई दी।वन विभाग की टीम जंगल अंदर जाकर देखने पर अज्ञात लोगों द्वारा संदिग्ध कार्य किया जाना प्रतीत हो रहा था।वन विभाग की टीम द्वारा अपनी सूझ-बूझ से संदिग्ध स्थल पर आरोपियों को घेराबंदी कर पकड़ लिया गया। इस दौरान रात्रि में अंधेरे का फायदा उठाकर कुछ लोग मौका स्थल से भागने में सफल हो गये।
चार आरोपियों को धर दबोचा जिनमें टीमू गोड़ उम्र 48 वर्ष,संतराम उम्र 37 वर्ष,पदमन उम्र 28 वर्ष,रजमन उम्र 19 वर्ष में सभी आरोपी मोंगरा (खैरभांड़ी) थाना छुरा के रहने वाले हैं आरोपियों सुरक्षित पकड़कर पूछ-ताछ किया गया तो आरोपियों द्वारा 1 नग नर चीतल को दौड़ाकर लाठी डंडे से मारना स्वीकार किया है। चीतल को डाक्टरों द्वारा पोस्टमार्टम कर छुरा स्थित पत्ता गोदाम प्रांगण में वन विभाग के आला अधिकारियों की उपस्थिति में चीतल के शव का दाह संस्कार किया गया।
सभी आरोपियों को वन अधिनियम 1927 की धारा 26(1)झा 52 एवं वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 09 सहपठित (2) 39,50,51,52 के तहत गिरफ्तार कर वन अपराध प्रकरण (अवैध शिकार) पंजीबद्ध कर वन अपराध प्रकरण कायम किया एवं लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम कि धारा 2 एवं 3 के तहत कार्रवाई किया गया।वहीं चारों आरोपियों को वन्यजीव प्राणी अधिनियम के अंतर्गत रिमांड पर जेल दाखिल कराया गया। इस कार्य में वन परिक्षेत्र अधिकारी सुयश धर दीवान वन परिक्षेत्र सहायक मोहन लाल यादव, देवराम साहू,ईशु जोशी,पुरुषोत्तम ध्रुर्वा,एवं वन विभाग की व अध्यक्ष वन प्रबंधक समिति मोंगरा रामचन्द्र नायक एवं तुलस यादव की सराहनीय भूमिका रही।