वनाधिकार पट्टाधारी निरंजन गोड़ को मनरेगा से मिली डबरी, सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भरता होगी कम

Update: 2021-07-27 16:47 GMT

रायपुर। शासन के मंशानुरूप वनभूमियों में पीढ़ियों से काबिज तथा आजीविका के साधन के रूप में उपयोग करने वाले लोगों को भूमि का अधिकार पत्र प्रदान किया गया। इन भूमियों पर परम्परागत रूप से वर्षा जल पर निर्भर होकर खेती की जा रही थी। प्रशासन द्वारा पहल करते हुए वनाधिकार पट्टाधारकों को रबी व खरीफ दोनों फसल के लिए सिंचाई सुविधा तथा आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के उद्देश्य से हितग्राहियों का चयन कर डबरी निर्माण कराया जा रहा है। मनरेगा के अंतर्गत निर्मित डबरी से किसानों को अब हर मौसम में पानी मिलने से खेत सिंचित हो रहे हैं तथा आसपास के भू-जल स्तर में भी वृद्धि हुई है।

विकासखण्ड वाड्रफनगर के रामनगर के रहने वाले वनाधिकार पट्टाधारी कृषक निरंजन गोड़ के खेत रबी के मौसम में सूखे पड़े रहते थे तथा खरीफ के मौसम में भी पूरी तरह वर्षा पर निर्भरता फसल को प्रभावित करती थी। प्रशासन द्वारा वनाधिकार पट्टाधारियों के खेतों में डबरी निर्माण के दौरान निरंजन गोड़ के खेत में भी डबरी का निर्माण कराया गया। मनरेगा के अंतर्गत 3 लाख की लागत से बने डबरी का निर्माण कार्य बरसात के पूर्व ही हो चुका था, जिससे अब डबरी में पानी भी भर चुका है। निरंजन गोड़ के पुत्र दिनेश ने बताया कि पहले समय पर बारिश नहीं होने से धान की पैदावार प्रभावित होती थी, किन्तु अब डबरी निर्माण से खरीफ के साथ-साथ रबी की फसल भी ले पायेंगे। वनपट्टाधारी किसानों के भूमि सुधार की दिषा में प्रषासन द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि वनपट्टे की भूमि में भी पैदावार बढ़ाई जा सके।

इसी तरह से अधिकांष एफआरए हितग्राहियों के आवष्यकताओं और भूमि की स्थिति को ध्यान में रखते हुए मनरेगा से जल संरक्षण/संवर्धन हेतु लागातार सामुदायिक एवं निजी संरचनाओं का निर्माण कराया जा रहा है। जिससे अकुषल श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार प्राप्त होने के साथ ही स्थायी परिसम्पतियों का सृजन भी हो रहा है। वहीं कृषकों को कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, क्रेडा, आदि विभागों के विभिन्न योजनाओं से अभिसरण कर लाभान्वित कराया जा रहा है।       

Tags:    

Similar News