रायपुर। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने आज मंत्रालय (महानदी भवन) में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के काम-काज की समीक्षा की। उन्होंने उचित मूल्य की दुकानों में खाद्यान्न वितरण व्यवस्था दुरूस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश के शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में खाद्यान्न भण्डारण और वितरण की जिलेवार समीक्षा की। भगत ने चावल, गुड़, शक्कर और चने के वितरण के लिए पर्याप्त मात्रा में भण्डारण सुनिश्चित करने कहा है। शासकीय उचित मूल्य दुकानों का व्यवस्थित संचालन करने, राशन दुकानों में पेयजल व्यवस्था, रंग-रोगन और रेट लिस्ट लगाने के साथ ही पीडीएस का निरंतर निरीक्षण करते रहने के निर्देश अधिकारियों को दिए है।
खाद्य मंत्री भगत ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए है कि राज्य में पी.डी.एस. के बारदानों की चावल के लिए अच्छी गुणवत्ता के गठानों का समुचित व्यवस्था करें। बरसात से पहले सभी पहुंच विहीन और दुर्गम क्षेत्रों के लिए पर्याप्त खाद-सामग्री का भंडारण की व्यवस्था करने के निर्देश दिए है। बैठक में बताया गया कि भारत सरकार द्वारा अभी तक बीपीएल श्रेणी के राशनकार्ड धारकों को निशुल्क खाद्यान्न का विधिवत आदेश अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। अतः मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुसार बीपीएल कार्ड धारकों को निशुल्क वितरण करने की समुचित व्यवस्था की जा रही है। खाद्य मंत्री ने धान संग्रहण केंद्रों एवं उपार्जन केंद्रों में उठाव शेष रह गई धान की समुचित सुरक्षा के निर्देश दिए है। उन्होंने कही पर भी धान शार्टेज नही हो इसके लिए सर्तकता से काम करने के निर्देश अधिकारियों को दिए है। यदि कहीं पर धान शार्टेज की शिकायत होगी तो संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी। खाद्य मंत्री ने सेंट्रल पूल के तहत भारतीय खाद्य निगम द्वारा चावल खरीदने के लिए लगातार मानीटरिंग एवं पत्राचार कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश अधिकारियों को दिए है। पीडीएस के हितग्राहियों को पात्रता के अनुसार खाद्यान्न सामग्री प्रतिमाह वितरण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए है। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में इस साल 92 लाख मीट्रिक टन हुई धान खरीदी में से करीब 54 लाख मीट्रिक टन मिलर्स द्वारा, 20 लाख मीट्रिक टन संग्रहण केन्द्रों द्वारा, 9 लाख से ज्यादा विडर्स एवं करीब 8 लाख 10 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा धान का उठाव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा किया जा चुका है। खाद्य मंत्री ने पिछले वर्ष एवं इस वर्ष चावल के कस्टम मिलिंग का भी समीक्षा की।