शिव मंदिर में भक्तों का सैलाब, बारी-बारी से किया जल अभिषेक

Update: 2023-02-18 09:11 GMT

बिलासपुर। देवों के देव महादेव के महापर्व महाशिवरात्रि के अवसर पर बिलासपुर के एक शिव मंदिर में भक्तों का सैलाब भोले बाबा का दर्शन और जल अभिषेक करने के लिए रात 12 बजे से अपनी बारी के इंतज़ार में कतारबद्ध है। यह सिलसिला आधी रात से चल रहा है और भक्तों की भीड़ लगातर बढ़ती चली जा रही है।

बता दें कि महाशिवरात्रि के अवसर पर भक्तजन बहुत ही उत्साहित हैं। बिलासपुर के एक शिवालय में श्रद्धालु रात 12 बजे से शिवजी के दर्शन के लिए अपनी बारी के इंतज़ार में कतारबद्ध हैं। यहां पर चारधाम की यात्रा एक ही परिसर में हो जाती है। वर्ष 1935 में चांटीडीह में शिव-पार्वती मंदिर की स्थापना स्व. मंगली प्रसाद सोनी ने की। वहीं शिव-पार्वती मंदिर चार-धाम के नाम से मशहूर है। चारों धाम की यात्रा करने के बाद स्व. मंगली प्रसाद सोनी को लगा कि जो भक्त चार धाम श्री जगन्नाथ जी, श्री बद्रीनाथ जी, श्री द्वारिकाधीश जी और श्री रामेश्वरम धाम का दर्शन नहीं कर सकते हैं, उनके लिए यहां पर शिव-पर्वती मंदिर के साथ चारों धाम की प्रतिमूर्ति की स्थापना की जाए। इससे जो भक्त चार-धाम के दर्शन के लिए नहीं जा पाते, उनके लिए चार धाम की यात्रा बिलासपुर में ही पूरी हो सके।

इस मंदिर की स्थापना के बाद से हर वर्ष महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर बड़ी संख्या में भक्त भगवान भोलेनाथ और भव्य चारधाम की झलक पाने के लिए मंदिर पहुंचते हैं। इस बार भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पर पहुंचे हैं। इसके साथ ही यहां पिछले 90 साल से महाशिवरात्रि के अवसर पर भव्य मेले का आयोजन भी किया जा रहा है। यहां हर वर्ष 50 हजार से अधिक भक्त चार-धाम का दर्शन कर आशीर्वाद लेने और मेले का आनंद उठाने के लिए पहुंचते हैं।

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