बिलासपुर। बिजली के संपर्क में आने से हाथियों की मौत की घटनाएं बढ़ रही हैं। तखतपुर के समीप करंट की चपेट में आने से एक शावक की भी हाल ही में मौत हो गई थी। इसे देखते हुए लोरमी वन परिक्षेत्र में बिजली तारों की ऊंचाई बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। मुंगेली वन मंडल के डीएफओ संजय यादव ने लोरमी के तुलसीघाट नर्सरी में बैठक आयोजित की, जिसमें गांव से गुजर रहे बिजली तारों की ऊंचाई बढ़ाने पर चर्चा की गई। बैठक में सीएसपीडीसीएल के कार्यपालन अभियंता, खुड़िया के सहायक अभियंता, अचानकमार अभयारण्य के सहायक निदेशक, लोरमी के उपमंडल वन अधिकारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। कंपनी के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि 10 से 15 दिनों के भीतर तारों की ऊंचाई बढ़ाने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
साथ ही पूरे क्षेत्र में बिजली कनेक्शन की गहन जांच की गई। जांच के दौरान 32 लोगों के खिलाफ अवैध बिजली कनेक्शन का मामला दर्ज किया गया। इसके अतिरिक्त, गांव-गांव में छापा मार कर बिजली की चोरी करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। वहीं वन विभाग द्वारा गांवों में मुनादी कर ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है। मालूम हो कि छत्तीसगढ़ में बिजली के तारों के संपर्क में आने से हाथियों की मृत्यु की घटनाएं लगातार हो रही हैं। एक नवंबर को तखतपुर वन क्षेत्र में एक शिशु हाथी की मौत बिजली के तार से करंट लगने के कारण हो गई थी। यह तार ग्रामीणों द्वारा बिछाए गए थे। इस मामले में वन विभाग ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और अन्य तीन की तलाश जारी है।
ज्ञात हो कि हाथियों का एक समूह कभी अचानकमार टाइगर रिजर्व तो कभी मुंगेली वन मंडल के गांवों में घूम रहा है, जिससे फसलों का नुकसान हो रहा है और हाथी घरों में रखे अनाज भी खा रहे हैं। पहले वन विभाग इस नुकसान से चिंतित था, लेकिन अब विभाग की प्राथमिकता हाथियों की सुरक्षा है। डीएफओ यादव ने बताया कि हाथी तीन दिन पहले खुड़िया पहुंचे थे, जहां उन्होंने फसलों को नुकसान पहुंचाया और घरों से निकाले गए अनाज को खा लिया।