महिला अधिकारी गिरफ्तार हुई अंबेडकर की फोटो फेंकने पर, रेलवे स्टेशन में हुआ था हंगामा
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दुर्ग। डॉ.भीमराव अंबेडकर की फोटो को कचरे में फेंकने के मामले पर हुए जमकर विरोध के बाद पुलिस ने आरोपिया को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियां मुख्य टिकट निरीक्षक वीपी नायडू के खिलाफ धारा 124 ए, 295, 295 ए के तहत अपराध दर्ज किया था। अपराध पंजीबद करने के बाद बुधवार की रात को पुलिस ने आरोपियां को गिरफ्तार कर लिया। रात में ही शासकीय अस्पताल सुपेला में मुलाहिजा कराने के बाद पुलिस ने वीपी नायडू को गुरुवार की दोपहर को न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जमानत मिल गई है।
उल्लेखनीय है कि 16 अप्रैल को रेलवे स्टेशन के मुख्य टिकट निरीक्षक कक्षा में वीपी नायडू ने दीवाल पर लगी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की फोटो को निकालकर कचरे में रख दिया था। सुबह जब सफाई कर्मी कक्ष में पहुंचे तो उन्होंने टेबल के पास कचरे में डॉ अंबेडकर की फोटो देखी। इसकी जानकारी उन्होंने समाज के लोगों को दी। मौके पर देखते ही देखते सैकड़ो लोगों की भीड़ पहुंचकर विरोध प्रदर्शन कर दिया था। लगातार दो दिनों तक समाज के लोगों ने न्याय पाने के लिए रेलवे स्टेशन पर धरना दिया था।
बता दें कि पुलिस ने आरोपिया वीपी नायडू के खिलाफ देशद्रह की धारा 124 ए,295 , 295 ए की धारा लगाई थी। विशेष न्यायाधीश दुर्ग संजीव कुमार टामक की कोर्ट में पेश किया गया। आरोपिया की ओर से अधिवक्ता राजकुमार तिवारी ने पैरवी की, वही शासन की ओर से राजकुमार देवांगन ने पैरवी की थी। न्यायालय ने पीडि़त पक्ष की ओर से लगभग पांच लोगों का पक्ष सुना।
शिकायत आवेदन में कहीं भी डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की फोटो को कचरे के डब्बे में डाले जाने का जिक्र नहीं था, वहीं किसी ने भी आरोपिया को टेबल के नीचे तस्वीर डालते हुए नहीं देखा। कोर्ट ने कहा कि मामला एससी एसटी कोर्ट से संबंधित होने पर पुलिस वालों ने एजी थाना क्यों नहीं भेजा। अब पुलिस चालान पेश कर विवेचना जारी रखेगी। वीपी नायडू की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता राजकुमार तिवारी ने बताया कि मामले में एससी एसटी एक्ट लगाने के कारण पीडि़त पक्ष की भी आपत्ति सुनी गई थी। कोर्ट ने महिला होने के नाते एवं उसकी उम्र को देखते हुए 25,000 रुपए के मुचलके पर जमानत दी है।