कांकेर। पुलिस अधीक्षक महिला सेल में पदस्थ महिला आरक्षक ने विभाग के अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी। शुक्रवार को तय समय पर महिला आरक्षक कलेक्ट्रेट पहुंची। वहीं प्रशासन द्वारा ऐतिहातन तौर पर भारी संख्या में महिला आरक्षकों की कलेक्ट्रेट परिसर में तैनाती की गई थी। महिला के पहुंचते ही महिला आरक्षकों ने आरक्षक पद्मिनी साहू को अपने कब्जे में ले लिया और मामले में गठित जांच टीम के सामने पेश किया। दरअसल, शुक्रवार को कलेक्ट्रेट परिसर में गहमागहमी के माहौल रहा। महिला आरक्षक द्वारा दिए आत्मदाह की चेतावनी के कारण कलेक्ट्रेट परिसर में सुबह से बड़ी संख्या में पुलिस के साथ लोगों का जमावड़ा रहा। वहीं कांकेर कलेक्टर डा. प्रियंका शुक्ला ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते पांच सदस्यीय जांच टीम गठित किया। शुक्रवार को आत्मदाह करने कलेक्ट्रेट पहुंची महिला आरक्षक को परिसर में तैनात महिला आरक्षकों ने अपने कब्जे में लेकर जांच टीम के समक्ष पेश किया। पूरे दिन कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में महिला आरक्षक की जांच टीम के सदस्यों द्वारा काउंसलिंग की गई।
गौरतलब हो कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय कांकेर महिला सेल में पदस्थ महिला आरक्षक ने अपने विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। प्रताड़ना की शिकायत विभाग के उच्च आधिकारियों को दिए जाने पर कार्रवाई नही किए जाने के कारण महिला आरक्षक ने मंगलवार को कांकेर कलेक्टर को आत्मदाह की अनुमति मांग पत्र सौंपते हुए शुक्रवार दोपहर 12 बजे कलेक्ट्रेट परिसर में आत्मदाह करने की बात कही थी। महिला आरक्षक पद्मिनी साहू का विभाग पर आरोप लगाया है कि वर्ष 2020 में कोतवाली थाना में पदस्थ रहने के दौरान कोतवाली थाना प्रभारी व अन्य कर्मचारी के द्वारा ड्यूटी के दौरान प्रताड़ित किया गया जिसकी शिकायत करने पर गलत आरोप लगाकर विभागीय कार्रवाई करते हुए उसे ही पुलिस अधीक्षक कार्यालय महिला सेल में पदस्थ कर दिया गया। लेकिन विभाग द्वारा प्रताड़ना जारी रहा और रोजनामचा अनुपस्थित बताकर वेतन में कटौती कर दी गई। अनुपस्थिति का स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। स्पष्टीकरण देने पर कथन दर्ज नहीं किया जा रहा है साथ ही कथन बदलने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इन सब आरोपों के बीच महिला आरक्षक ने कलेक्टर को पत्र लिखकर आत्मदाह की अनुमति मांगी थी।