विस चुनाव में नकली नोट खपाने की आशंका

Update: 2023-01-11 05:47 GMT

छग के बाजारों में धड़ल्ले से खपाए जा रहे नकली नोट

खुफिया एंजेंसियों को होना होगा सतर्क

छत्तीसगढ़ के बाजारों में नकली नोट खपाने को देखते हुए राज्य के खुफिया एजेंसियों और पुलिस को नकली नोट गिरोह के अलावा बाजार में नकली नोट खपाने वाले अवैध कारोबारियों पर नजर रखने के साथ नकली नोट बाजार में पहुंचने से रोकने के लिए एक्टिव होना पड़ेगा। साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दावेदारा करने वाले और छुटभैय्ये नेता अभी से नकली नोट की जुगाड़ में जुट गए हैं। इसे देखते हुए चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में नकली नोट खपाए जाने की आशंका है। इसे लेकर पुलिस और खुफिया तंत्र को सतर्क रहना होगा।

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। इस साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों में जाली नोटो का जलवा भी दिखेगा। भारत के किसी भी राज्य में चुनाव हो जाली नोट सप्लाई करने वालों का गिरोह सक्रिय हो जाता है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में जाली नोट का जलवा साफ देखने को मिलने वाला है। हाल ही में संपन्न भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में इसका झलक भी देखने को मिला है। नकली नोटों का गिरोह, दलाल, सप्लायर और जाली नोटों को चलाने वाले सभी विधानसभा चुनाव में जाली नोटों के जरिए एक अलग तरह का तंत्र खड़ा करने के लिए तैयार बैठे हैं। राज्य में जिस तरह नकली नोटों को बाजार में खपाया जा रहा है और नकली नोट के साथ गिरोहबाज पकड़े गए हैं उसे देखते हुए साफ है कि चुनाव के लिए नकली नोट की डिमांड शुरू हो गई है और धनबल से वोटरों को रिझाने के लिए चुनाव लडऩे वाले गिरोहबाजों से संपर्क शुरू कर चुके हैं।

आंध्र-उड़ीसा के रास्ते नक्सलगढ़ में नकली नोटों को बाजार में खपाने का खेल लंबे समय चल रहा है। अब तो राजधानी और दूसरे जिलों में नकली नोट आसानी से बाजार में खपाए जा रहे हैं। सूत्रों की माने तो भारत में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई, अंडरवलर्ड डॉन दाउद इब्राहिम, आतंकवादी संगठन लश्कर-तैयबा और कई दूसरे स्थानीय स्तर पर अपराधी संगठन मिलकर जाली नोटों के इस ऑपरेशन को अंजाम देने में लगे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पांच सौ से ज्यादा की संख्या में जाली नोट सप्लायर और पाकिस्तान के खुफिया विभाग से जुड़े हुए लोग उत्तर भारत में 2000 करोड़ से ज्यादा के जाली नोट सप्लाई करने की फिराक में हैं.

राज्य में नकली नोटों बाजारों में खपाने की घटनाओं और सूचनाओं के बाद खुफिया एजेंसियां अलर्ट हैं। नक्सल प्रभावित जिलों में कई गिरोह नकली नोटों का चुनाव में इस्तेमाल करना चाहते हैं. बकायदा इसके लिए उनकी विशेष प्लानिंग की जा रही है. आंध्र-उडंीसा ट्रांजिट रूट के जरिए आने वाले इन नकली नोटों को विधानसभा चुनाव में स्थानीय छुटभैये नेताओं के जरिए खपाया जाएगा. वहीं विदेशी गिरोह नेपाल के अपने नेटवर्क के जरिए बड़ी मात्रा में नकली नोट छत्तीसगढञ सहित दूसरे चुनावी राज्यों में खपाने की तैयारी मे है। उल्लेखनीय है कि कुछ वर्ष पहले तक नेपाल भारत में नकली नोटों को भेजने कर सबसे बड़ा केंद्र हुआ करता था लेकिन वर्तमान में बांग्लादेश सबसे बड़ा मार्केट बन कर उभरा है। आशंका जताई जा रही है कि जिस तरह वाजार में नकली नोट खपाए जा रहे हैं चुनाव में भी इसी से वोटरों को साधने का काम होगा।

छत्तीसगढ़ के कई ऐसे इलाके हैं जहां नोट के बदले वोट को अपने कब्जे में किया जाता है। इसकी शुरूआत प्रत्याशी के प्रयास से होती है जो ज्यादात्तर नए-नए राजनीति में कदम रखते हैं या फिर पहले से स्थापित हैं। चुनाव जाली नोट चलाने वाले गिरोहों के लिए एक उत्सव की तरह होता है. जहां ज्यादा जांच परख नहीं होती है. सारा कुछ काले पॉलिथिन में लिपटा होता है। ठीक वैसे ही जैसे दिपावली के मौके पर भीड़-भाड़ और खरीदारी की वजह से ज्यादात्तर लोग नोटों पर ध्यान नहीं देते और करोड़ों के नकली नोट भारतीय बाजारों में प्रवेश कर जाते हैं। यहीं कारण है कि चुनाव में नकली नोट चलाने वाले गिरोह भी सक्रिय हो जाते हैं। चुनाव में प्रत्याशियों द्वारा मतदाताओं को लुभाने के लिए रात में उनके दरवाजे और इलाके में जाकर दस्तक दी जाती है और वोट से मतदाताओं के खरीदने का सिलसिला शुरू होता है। जितनी संख्या उतने नकली नोट। ज्यादातर अनपढ़ या गंवार मतदाता इसके शिकार बनते हैं। इसलिए किोई भी चुनाव नकली नोट गिरोहों के लिए एक उत्सव की तरह होता है। चुनावों में नकली नोट की आमद रोकने पुलिस और खुफिया एजेंसियों को अभी से सक्रिय होना पड़ेगा।

पाकिस्तान में छपे नोटों की बड़ी खेप भी खपाने की आशंका

नकली नोट के तस्कर चुनाव में होनेवाले बेतहाशा खर्च का फायदा उठाने के फिराक में हैं। खुफिया सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान में छपे नोटों की बड़ी खेप विभिन्न रास्तों से भारत भेजने की तैयारी है। इसके लिए बांग्लादेश और नेपाल से लगी सीमा के अलावा हवाई मार्ग का इस्तेमाल किए जाने की आशंका है।

कूरियर से आनेवाले सामान में नकली नोट छिपाकर भारत भेजने की कोशशि हो सकती है। भारत-नेपाल व बांग्लादेश सीमा पर नजर इंटेलिजेंस इनपुट में भारी मात्रा में नकली नोट भारत भेजे जाने की आशंका के मद्देनजर विभिन्न एजेंसियां चौकस हो गई हैं। सीमाई इलाकों में पैनी नजर रखी जा रही है। एजेंसियां अपने नेटवर्क का इस्तेमाल तस्करों के नकली नोट लाने के संभावित रूट और तरीके का पता लगाने में कर रही है। विदेश में छपे नोटों को भारत लाने का मुख्य रास्ता बांग्लादेश और नेपाल रहा है। नेपाल में सक्रिय गैंग पर पिछले कुछ वर्षो में अंकुश लगने के बाद बांग्लादेश नकली नोटों की तस्करों का प्रमुख अड्डा बन गया है। हवाई मार्ग का भी हो सकता है इस्तेमालचुनाव के दौरान सुरक्षाबलों की अतिरिक्त चौकसी को देखते हुए हवाई मार्ग का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल में बैठे सरगना पूर्वी एशिया या अन्य देशों से कूरियर के जरिए विभिन्न तरह के सामान में छिपाकर नकली नोट भारत भेजने की कोशशि कर सकते हैं। हवाई मार्ग से नकली नोट भेजने के मामले पहले भी सामने आए हैं।

दो नंबर का धंधा करने वाले बाजार में खपा रहे नकली नोट

छत्तीसगढ़ के बाजारों में दो नंबर के धंधा करने वाले धड़ल्ले से नकली नोट खपा रहे हैं। सट्टा-जुआ का अड्डा चलाने वाले नकली नोटों से पेमेंट कर उसे वाजार में खपा रहे हैं। इसके अलावा दूसरे तरीके से कारोबारी भी नकली नोट से धंथा कर उसे एक नंबर बना रहे हैं। बाजार में जब तक नोट एक से दूसरे हाथ में घूमते रहता है उसके नकली होने की भनक तक नहीं लगती और वह बाजार में दौड़ते रहता है। जब तक नोट बैंक नहीं पहुंचते उसके असली-नकली होने का पता नहीं चलता।

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