गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। ससुर की हत्या करने वाली बहू को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं साक्ष्य छिपाने के आरोप में तीन आरोपियों को 5-5 साल की सजा एडीजे कोर्ट पेंड्रा रोड ने सुनाई है. बता दें कि बहू ने अपनी मां के साथ अवैध संबंध बनाते देख ससुर को मौत के घाट उतारने के बाद लाश को अरपा नदी में फेंक दिया था. इस हत्याकांड में कोर्ट का फैसला आया है, जिसमें एडीजे कोर्ट पेंड्रारोड ने चार लोगों को सजा सुनाई है. दरअसल पूरा मामला गौरेला थाना क्षेत्र के बनझोरखा गांव का है, जहां एक अक्टूबर 2021 की रात को यहां रहने वाली महिला रामप्यारी उर्फ नान्ही भैना पति गणेश भैना को उसके भाई ने बताया कि उसकी मां घर में नहीं है तो रामप्यारी बाई टंगिया लेकर घर से निकली और कुछ ही दूरी पर जाकर देखा कि उसकी मां अमीता भैना और उसके ससुर चैनसिंह भैना खूब शराब पिये हुए थे और अवैध संबंध बना रहे थे. तभी रामप्यारी ने टंगिया से चैनसिंह के सिर पर वार कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई और मां वहां से भाग गई।
ससुर की हत्या करने के बाद रामप्यारी और उसकी मां सहित पिता कुंवर सिंह भैना और नानी बिरसिया बाई ने मिलकर सीमेंट की बोरी में पत्थर भरकर लाश को अरपा नदी में फेंक दिया, जिसे 6 अक्टूबर को जगदीश प्रसाद ने भैंस चराते वक्त देखा और पुलिस को सूचना दी थी. पुलिस ने हत्या का मामला कायम करते हुए खुलासा किया कि रामप्यारी ने ही ससुर की हत्या की थी और मां अमीता बाई, पिता कुंवर सिंह और नानी बिरसिया बाई ने मिलकर साक्ष्य छिपाने का काम किया था. मामले में फैसला सुनाते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश किरण थवाईत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत रामप्यारी बाई को आजीवन कारावास की सजा और 1000 रुपए का अर्थदंड से दंडित किया है. वहीं धारा 201, 34 के तहत सभी चारों आरोपियों रामप्यारी बाई, अमीता बाई, कुंवर सिंह और बिरसिया बाई को पांच-पांच साल के सश्रम कारावास की सजा और पांच सौ रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है. इस मामले में शासन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक पंकज नगाईच ने किया।