गौठान मेले में किसानों, समूह की महिलाओं को कृषि के वैज्ञानिक तरीके की मिली जानकारी
छग
राजनांदगांव। जिले के सभी विकासखंडों में शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के तहत गौठान मेला का आयोजन किया गया। शुक्रवार को राजनांदगांव विकासखंड के पदुमतरा, घुमका, बघेरा, डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम सहसपुर, माड़ीतराई तथा डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम कोकपुर तथा छुरिया विकासखंड के ग्राम बादराटोला एवं महाराजपुर में गौठान मेला का आयोजन किया गया। कलेक्टर डोमन सिंह की पहल पर नवाचार के तौर पर शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के तहत गोबर क्रय, वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन एवं विक्रय, चारागाह निर्माण एवं मल्टीएक्टीविटी को बढ़ावा देने के लिए जिले के सभी विकासखंड में क्लस्टरवार गौठानों में गौठान मेला का आयोजन किया गया। उत्सव एवं उत्साह के माहौल में जिले में गौठान मेले में जनप्रतिनिधियों के साथ ही ग्रामवासियों व समूह की महिलाएं शामिल हुए। दूर दराज के ग्रामीण अंचलों से जनसामान्य गौठान मेला देखने पहुंचे। जिला पंचायत सीईओ अमित कुमार के मार्गदर्शन में किए जा रहे इस आयोजन में क्लस्टर में ग्राम पंचायतों में गौठान मेला का आयोजन किया जा रहा है। 3 मार्च, 10 मार्च एवं 17 मार्च को क्लस्टरवार जिले के मुख्य गौठानों में आगामी गौठान मेला का आयोजन किया जाएगा। गौठान मेला में सब्जी-भाजी, वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य सामग्री बिक्री के लिए उपलब्ध रहा।
विषय विशेषज्ञों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया गया। साथ ही सामुदायिक बाड़ी के लिए कृषि से संबंधित वैज्ञानिक तरीके के बारे में लाभप्रद सुझाव दिया गया। कृषि विशेषज्ञों के साथ ही उन्नत कृषकों ने भी अपने विचार साझा किए। कृषि विभाग, पशु चिकित्सा सेवाएं, उद्यानिकी, मत्स्य पालन, कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। बिहान योजना के अंतर्गत कृषि सखी एवं कृषि सीआरपी के द्वारा जैविक खाद, जैविक कीटनाशक, मृदा एवं बीज प्रबंधन की जानकारी दी गई, वहीं कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन एवं गौमूत्र से उत्पाद तैयार करने के संबंध में बताया गया। कृषि विभाग द्वारा कृषि से संबंधित शासन की विविध योजनाओं की जानकारी दी गई। उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों द्वारा सामुदायिक बाड़ी एवं मशरूम उत्पादन से संबंधित प्रशिक्षण तथा प्रदर्शनी एवं शासन की योजनाओं की जानकारी दी गई। पशु चिकित्सा विभाग द्वारा पैरा उपचार, टीकाकरण, कुक्कुटपालन, गाय पालन, बकरी पालन के संबंध में बताया गया तथा वहीं मत्स्य पालन विभाग द्वारा मछली पालन व बॉयोफ्लॉक विधि से मछली पालन की जानकारी के साथ ही प्रदर्शनी भी लगाई गई। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के विशेषज्ञों द्वारा समूह की महिलाओं को आजीविका गतिविधियों के लिए रॉ-मटेरियल, पैकेजिंग, मार्केटिंग, ब्रांडिंग का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस अवसर पर स्वच्छ भारत मिशन की टीम द्वारा ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, बॉयो गैस संयत्र, शौचालय के उपयोग के बारे में ग्रामवासियों को जानकारी दी गई।