नकली नोट, कहीं चुनाव वाले राज्यों में खपाने की योजना तो नहीं थी?

Update: 2021-03-06 05:21 GMT

गिरोह के पीछे कौन?, पड़ताल कर रही पुलिस

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। उड़ीसा के कोरापुट में पकड़े गए सात करोड़ 90 लाख के नकली नोट के तार रायपुर से भी जुड़े हैं। पुलिस मामले में पकड़े गए आरोपियों के काल डिटेल खंगाल रही है। अब तक के पड़ताल में मिली जानकारी से पुलिस भी हतप्रभ हंै। इस पूरे नकली नोट प्रकरण में राजधानी के दो पार्षद, कुछ नेताओं और पुलिस वाले की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। हालाकि पुलिस ने अभी तक किसी तरह का खुलासा नहीं किया है लेकिन अटकलों का बाजार गर्म है कि पकड़े गए नकली नोट चुनाव वाले राज्यों में खपाने की तैयारी थी, चूंकि पिछले दिनों जनता से रिश्ता ने गांजा तस्करी को लेकर लगातार खबरें प्रकाशित की थी जिससे छत्तीसगढ़ और ओडिसा पुलिस सक्रिय थी और गांजे-शराब की जांच के दौरान ही नकली नोट ले जा रहे आरोपी पुलिस के गिरफ्त में आ गए। अनुमान लगाया जा रहा है कि नकली नोट छापने और चलाने वाले इस गिरोह ने पहले भी बड़े पैमाने पर नोट बाजार में खपाया है।

रायपुर में हुई नोटों की छपाई

नकली नोटों के साथ पकड़े गए पावर प्लांट, जांजगीर के पूर्व इंजीनियर रविंद्र मनहर के तार नवा रायपुर से जुड़ रहे हैं। पुलिस को शक है कि रविंद्र से नवा रायपुर और रायपुर के कुछ और लोग जुड़े हो सकते हैं, जो नकली नोटों के कारोबार में संलिप्त हैं। लिहाजा कोरापुट पुलिस से मिले इनपुट के आधार पर रविंद्र समेत उसके साथी हर कुमार साहू, मनहरण लहरे के मोबाइल की काल डिटेल खंगाली जा रही है। फिलहाल पुलिस को नए तथ्य नहीं मिले हैं, लेकिन रायपुर में कुछ साल पहले नकली नोट के साथ पकड़े गए सौदागरों के साथ रविंद्र के लिंक जुड़े होने से इन्कार नहीं किया जा सकता। पुलिस सूत्रों ने बताया कि नकली नोटों के साथ कोरापुट पुलिस के हत्थे चढ़े जांजगीर जिले के अकलतरा पुलिस थाना क्षेत्र के ग्राम अमरताल निवासी रविंद्र मनहरे (46) समेत मालखरौदा के भड़ोरा के मनहरण लहरे (38) और हसौद के हर कुमार साहू (33) ने नवा रायपुर में किराए का फ्लैट लेकर नकली नोटों की छपाई करने के बाद कार से ये नोट लेकर खपाने के लिए ओडिशा के रास्ते से विशाखापट्टनम जाते समय पुलिस की गिरफ्त में आए थे। कोरापुट पुलिस को गिरोह के मास्टर माइंट रविंद्र ने पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारी दी है। इस जानकारी को रायपुर पुलिस के अफसरों से कोरापुट पुलिस ने शेयर किया है। हालांकि इस मामले में अफसर जांच का हवाला देकर अधिकृत तौर पर कुछ भी बताने से बच रहे हैं।

चुनाव वाले राज्यों में नोट खपाने की आशंका

इस पूरे प्रकरण में अनुमान लगाया जा रहा है कि आरोपी नकली नोटों को चुनाव वाले राज्यों में खपाने की योजना थी और आरोपी इसलिए नोट का खेप लेकर जा रहे थे और उन्हें इस बात का पूरा भरोसा था कि वे पुलिस के गिरफ्त में नहीं आएंगे और ओडिसा के रास्ते नोट आसानी से आसाम, बंगाल तमिलनाडु व केरल पहुंचा दिया जाएगा। लेकिन ओडिसा पुलिस की मुस्तैदी से आरोपियों की मंशा पूरी नहीं हो सकी? खबर है कि नकली नोट के गिरोहबाज 35 हजार के बदले एक लाख नकली नोट उपलब्ध कराते हैं।

सर्विलांस पर आरोपियों के मोबाइल

पुलिस के अनुसार नवा रायपुर के फ्लैट में करोड़ों के नकली नोटों की छपाई कर उसे खपाने की कोशिश करने के मामले में तीन लोगों को कोरापुट पुलिस ने पकड़ा है। इसकी जानकारी मिलने पर तीनों के मोबाइल को सर्विलांस पर रखा गया है। काल डिटेल से नए तथ्य आने की संभावना जताई जा रही है। उसके आधार पर पुलिस मामले में आगे कार्रवाई करेगी।

कुछ पार्षद, कई नेताओं की भूमिका संदिग्ध?

जनता से रिश्ता को जो जानकारी मिली है उससे इस पूरे मामले में रायपुर के दो पार्षद और कुछ नेताओं की भी भूमिका होने के संकेत मिले हैं हालाकि खुलासे से पहले अभी तथ्यों पर पड़ताल की जरूरत है। रायपुर और महासमुंद जिले में पहले भी नकली नोट छापने और खपाने को लेकर कई मामले सामने आ चुके हैं और गिरफ्तारियां भी हुई है। इन प्रकरणों को संज्ञान में लेकर भी पुलिस आरोपियों के जिन-जिन लोगों से तार जुड़े हो सकते हैं यह जानने की कोशिश कर रही है। कहा जा रहा है कि इस पूरे गिरोह के पीछे किसी बड़े और राजनीतिक पहुंच व संरक्षण प्राप्त व्यक्तियों का हाथ हो सकता है।

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